वरिष्ठ कथावाचक अमीन सयानी का मंगलवार रात एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। मंगलवार रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उन्हें तुरंत एच. एन. अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उन्होंने वहीं अंतिम सांस ली। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। (Radios famous announcer Ameen Sayani passes away)
अमीन सयानी ने कई सालों तक रेडियो पर 'बहनो और भाइयो, अगली पायजदान है ये गाना...' कहते हुए लोगो को अपनी आवाज का कायाल बनाया। अमीन सयानी ने न केवल वॉयस ओवर किया बल्कि कई गायकों, गीतकारों और संगीतकारों का साक्षात्कार भी लिया और उनके गीतों की रचनात्मक यात्रा को रिकॉर्ड किया।
1932 में मुंबई में जन्मे अमीन सयानी ने अपने करियर की शुरुआत आकाशवाणी में अंग्रेजी में उद्घोषक के रूप में की थी। देश की आजादी के बाद उन्होंने हिंदी में प्रस्तुतियां देना शुरू किया और अपनी मधुर आवाज में धाराप्रवाह हिंदी में कहानियां और गीत सुनाकर बिनाका गीतमाला कार्यक्रम को लोकप्रिय बनाया।
गीतमाला को 1952 से 1994 तक सबसे लंबे समय तक चलने वाले कार्यक्रम के रूप में दर्ज किया गया है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था कि वह गा नहीं सके क्योंकि उनकी आवाज टूट गई थी। इसकी भरपाई उन्होंने ढेर सारे गाने सुनकर की। ध्वनि के बेताज बादशाह कहे जाने वाले अमीन सयानी जैसा कथावाचक फिर कभी नहीं हुआ।
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