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एस्केलेटर के रखरखाव पर इतना खर्च करता है रेलवे

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस बाबत जानकारी मांगी थी

एस्केलेटर के रखरखाव पर इतना खर्च करता है रेलवे
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यात्रा की सुविधा के लिए मुंबई रेलवे सेवा में एस्केलेटर लगाए गए हैं। हालाँकि, ये एस्केलेटर हमेशा ख़राब रहते हैं। पश्चिम रेलवे एक एस्केलेटर के रखरखाव पर प्रति वर्ष 1.85 लाख रुपये खर्च करता है। रेलवे प्रशासन ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को बताया है कि सेंट्रल रेलवे 2.97 लाख रुपए खर्च कर रहा है। (Railways spends heavy money of maintenance of escalators reavelead RTI Filed by activist Anil Galgali)

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मध्य और पश्चिम रेलवे प्रशासन से एस्केलेटर के संबंध में विभिन्न जानकारी मांगी थी। चर्चगेट और विरार के बीच 106 एस्केलेटर हैं। पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता शकील अहमद ने कहा, एक एस्केलेटर की वार्षिक रखरखाव लागत 1.85 लाख है।

जबकि सीएसटीएम से कल्याण और सीएसटीएम से वाशी के बीच 101 एस्केलेटर हैं। एक एस्केलेटर की वार्षिक रखरखाव लागत 2.97 लाख रुपये है,मध्य रेलवे के वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता एचएस सूद ने अनिल गलगली को बताया।

एस्केलेटर 1825 बार पड़ता है बंद

पश्चिम रेलवे ने एस्केलेटर बंद होने की जानकारी देते हुए बताया कि एस्केलेटर एक साल में 1825 बार बंद होता है। 95 प्रतिशत मामलों में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा आपातकालीन बटन बंद करने से एस्केलेटर बंद हो जाता है। सेंट्रल रेलवे के एचएस सूद ने माना कि बंद एस्केलेटर की जानकारी दर्ज नहीं की गई। उन्होंने बताया कि विशेष दिनों में बंद रहने वाले एस्केलेटरों की जानकारी पूछे जाने पर दी जा सकती है।

गलगली ने मुंबई में 2 रेलवे के तहत एस्केलेटर की लागत में 1.12 लाख के अंतर पर आश्चर्य व्यक्त किया। इससे सेंट्रल रेलवे को प्रति वर्ष 1.13 करोड़ का आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस संबंध में उन्होंने रेलवे प्रशासन से जांच कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस बात को लेकर नाराजगी व्यक्त की गई है कि इस सुविधा के लिए लगाया गया एस्केलेटर अधिकांश व्यस्त समय में बंद रहता है और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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