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महंगाई और तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ शिव सेना ने किया बैलगाडी साइकिल मोर्चा

इसके अलावा शिव सेना ने अपने मुख पत्र सामना(saamna) में भी देश में पेट्रोल-डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर शिवसेना ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।

महंगाई और तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ शिव सेना ने किया बैलगाडी साइकिल मोर्चा
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बढ़ती हुई महंगाई और डीजल-पेट्रोल (diesel petrol price hike) के बढ़ते हुए दामों के खिलाफ शिव सेना (shiv sena) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के खिलाफ बैलगाड़ी और साईकिल से आंदोलन निकाला। यह आंदोलन शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा मुंबई के विभिन्न हिस्सों में निकाला गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष कार्यकर्ता शामिल थे।

मुंबई (mumbai) के दादर (dadar) इलाके में सैकड़ों की संख्या में शिव सेना के कार्यकर्ताओं ने शिव सेना भवन (shiv sena bhavan) के सामने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा आयोजित किया था। इनके हाथों में महंगाई और बढ़ते तेल के दामों के खिलाफ लिखा था, अब की बार 100 के पार। 

इससे पहले 27 जनवरी को मुंबई में पेट्रोल के दाम में 24 पैसे, कोलकाता में 24 पैसे, चेन्नई में 22 पैसे और दिल्ली में 25 पैसे की बढ़ोतरी हुई थी।  इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 86 रुपये को पार गई हैं, जबकि मुंबई में वे 93 रुपये के करीब हैं। पूरे देश में तेेल की मतें हर दिन अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रही हैं।

इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (bjp) के नेता देवेंद्र फडणवीस (devendra fadnavis) ने कहा कि, राज्य सरकार को तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए तेल पर लगे टैक्स को कम करना चाहिए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल 6 जनवरी से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं। कोरोना वायरस (Corona virus) को लेकर पूरी दुनिया प्रभावित हुई, साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है। इससे घरेलू पेट्रोल और डीजल की कीमतें प्रभावित हो रही हैं। इसके अलावा, आने वाले दिनों में भी राहत मिलने की उम्मीद कम है।

इसके अलावा शिव सेना ने अपने मुख पत्र सामना(saamna) में भी देश में पेट्रोल-डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर शिवसेना ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में 'ईंधन-गैस दर वृद्धि…शब्दों की जुमलेबाजी!' नाम के संपादकीय में लिखा है कि केंद्र की सरकार कहती कुछ है और करती कुछ और है।लॉकडाउन की वजह से पहले ही सामान्य जनता की कमर टूट गई है और कई लोगों की नौकरी छिन गई। ऐसे में सरकार लोगों की जेब से पैसे क्यों छीन रही है?

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