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स्वाइन फ्लू के लिए आप जिम्मेदार हैं


स्वाइन फ्लू के लिए आप जिम्मेदार हैं
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स्वाइन फ्लू के कारण मुंबई में अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है। इस बीमारी को दूर करने के लिए बीएमसी के साथ साथ राज्य सरकार और गैरसरकारी संस्थाए भी जी तोड़ मेहनत कर रही हैष बावजूद इसके अभी तक इस रोग पर काबू नहीं पाया जा सका है। जिसका सबसे बड़ा कारण है इस बीमारी की रोकथाम के बारे में कोई खास जानकारी ना होना। इस बीमारी को बढ़नेदेने के लिए कही ना कही हम भी जवाबदार है। हालही में इसी स्वाईन फ्लू से एक गर्भवती स्त्री की भी मौत हो गई थी। अगर महिला को समय पर इलाज मिलता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। स्वाइन फ्लू पर पूरी और सही जानकारी ना होने के कारण ये बीमारी अब और भी खतरनाक बनती जा रही है। जिसे रोकना हम सबका का फर्ज है और जिम्मेदारी भी ।आईये जानते है क्या कहना है कुछ विशेषज्ञो का

डॉ. आयशा कादरी

बीएमसी ने कुर्ला और भांडुप इलाके में सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण कुर्ला में 3,776 लोगों और 750 परिवारों की जांच की गई।तो वही भाडुंप के टिलक नगर में 525 घरों के 2 हजार 26 व्यक्तियों की जांच की गई। बीएमसी पिछलें कई सालों से स्वाइन फ्लू, डेंग्यू, मलेरिया जैसे कई बीमारियों की रोकथाम के लिए जनजागृती कार्यक्रम का आयोजन करता आ रहा है। जब मुंबई लाईव ने इस बात की वजह जानने के लिए इलाके का दौरा किया तो लोगों का विश्वास बीएमसी पर कही कम ही नजर आया।
जब मुंबई लाइव ने इलाके के लोगों से जानना चाहा तो उन्होने बीएमसी पर इसका आरोप लगाते दिया। इलाके में पहले तो स्वच्छता की कमी नजर आई तो वही दूसरी तरफ जदब बीएमसी के कर्मचारी महिलाओ का टेस्ट करने के लिए जाते है तो कई बार महिलाओ भी उन्हे अपना टेस्ट करने से रोकती है।

जब इस बारे में मुंबई लाईव ने भांडुप के चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जितेंद्र जाधव से बात चीत की तो उन्होने बताया की यह बीमारी केवल महाराष्ट्र या मुंबई में नहीं है, कई बार इस बीमारी से ग्रसित लोग अन्य राज्यो से भी आते है। जिसके कारण ये बीमारी फैल जाती है। भांडुप में जिस महिला की स्वाईल फ्लू से मौत हुई थी। वह पहले इलाहाबाद, कोल्हापुर होकर आई थी। जिसके बाद उसे मुंबई के सायन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब उसकी जांच हुई तब पता चला की महिला को स्वाईन फ्लू हुआ है। इस बीमारी को रोकने के लिए हमे अपने आसपास के इलाके को स्वच्छ रखाना बेहद जरुरी है।

क्या है स्वाइन फ्लू -
स्वाइन फ्लू वास्तव में फैलनेवाला रोग है। स्वाइन इन्फ़्ल्यूएन्ज़ा या स्वाइन फ्लु भी इन्फ़्लुएनेझा रोग का एक प्रकार है। इन फ्लू , इनफ्लुएंजा यानी फ्लू वायरस के अपेक्षाकृत नए स्ट्रेन इनफ्लुएंजा वायरस A से होने वाला इनफेक्शन है। इस वायरस को ही H1N1 कहा जाता है। इसके इनफेक्शन ने 2009 और 10 में महामारी का रूप ले लिया था-लेकिन WHO ने 10 अगस्त 2010 में इस महामारी के खत्म होने का भी ऐलान कर दिया था। अप्रैल 2009 में इसे सबसे पहले मैक्सिको में पहचाना गया था। तब इसे स्वाइन फ्लू इसलिए कहा गया था क्योंकि सुअर में फ्लू फैलाने वाले इनफ्लुएंजा वायरस से ये मिलता-जुलता था। यह बीमारी मुंह और नाक के रास्ते फैलती है।
क्या है लक्षण-
नाक का लगातार बहना
कफ, कोल्ड खांसी
मांसपेशियां में दर्द
सिर में भयानक दर्द
नींद न आना, ज्यादा थकान
गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना

चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ भूपेंद्र पाटील का कहना है की स्वाइन फ्लू फैलनेवाली बीमारी है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को भी हो सकती है। इस बीमारी को रोकने के लिए लोगों को जागृत करना होगा। जागरूकता के लिए पोस्टर्स, बॅनर, घर पर जाकर समझाना, पैम्पलेट्स और रैली भी आयोजित की जा रही है। लेकतिन जब तक हम खुद अपने औप को और अपने आसपास के परिसर को स्वच्छ नहीं रखेंगे तब तक इस बीमारी को रोकना मुश्किल होगा।

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