अंधेरी के मरोल इलाके में स्थित ESICकामगार अस्पताल में आग लगने से मरनेवालों की संख्या 13 हो गई है। गुरुवार को कुर्ला के 78 वर्षीय व्यक्ति और साकी नाका की 65 वर्षीय महिला का निधन हो गया। इन दोनों को ESIC अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसी दौरान ये अस्पताल में लगी आग आग से घायल हो गये। मालाड के रिद्धि विनायक क्रिटिकल केयर अस्पताल में इनका इलाज चल रहा था। अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि पखारे में हाइपोक्सिया की अतिरिक्त जटिलता थी।
पहले सेवन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया गया
इन दोनों के नाम विठ्ठल पखारे और इदना खातून अब्दूल मजिद है। विठ्ठल पखारे को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण ESIC अस्पताल में भर्ती कराया गाय था। पखारे एक हृदय रोगी थे और उन्हें कार्डियो-श्वसन में तकलीफ थी। हालांकी आग लगने की घटना के बाद पखारे को सेवन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में रिद्धि विनायक क्रिटिकल केयर अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
पखारे की स्थिति हृदय संबंधी जटिलताओं के कारण गंभीर थी। वह लंबे समय से बिस्तर पर थे, जिसके कारण उनकी शरीर पर लेग घाव काफी विकसित हो गये थे। सेप्सिस और हाइपोक्सिया से पिड़ीत होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई
ब्रेन हैमरेज की थी शिकार
ब्रेन हैमरेज से पीड़ित होने के बाद इदाना खातून को ईएसआईसी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। आग से बचाए जाने के बाद, उसे सेवन हिल्स अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी खोपड़ी और रक्त के थक्के के एक हिस्से को हटाने के लिए सर्जरी की। जिसके बाद पिशाब निकलने की जगह में सेप्सिस विकसित हो गया। चूंकि सेवन हिल्स अस्पताल में मूत्र रोग विशेषज्ञ नहीं था, इसलिए उन्हे 4 जनवरी को रिद्धि विनायक क्रिटिकल केयर अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था। जहां अगली ही दिन गंभीर स्थिती के कारण उनकी मौत हो गई।
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