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महाराष्ट् वापस लौट रहे हैं प्रवासी मजदूर, मुंबई और ठाणे, पालघर में वापस आने वालों की संख्या बढ़ी

सूत्रों के अनुसार, 4 जून को, 7,000 प्रवासी वापस महाराष्ट्र आए, जबकि 14 जून को 10,000 से अधिक प्रवासी वापस आ गए हैं।

महाराष्ट् वापस लौट रहे हैं प्रवासी मजदूर, मुंबई और ठाणे, पालघर में वापस आने वालों की संख्या बढ़ी
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कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण लगाए गए लॉकडाउन (lockdown) के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे कई प्रवासी मजदूरों (migrant workers) के सामने जीविका की समस्या पैदा हो गई थी। इसके बाद लाखों की संख्या में ये मजदूर अपने अपने गांव लौटने लगे। महाराष्ट्र से भी लाखों की संख्या में ये मजदूर अपने-अपने गांव गए हैं। अब महराष्ट्र सरकार ने उम्मीद जताई है कि ये प्रवासी मजदूर जुलाई महीने तक वापस आ जाएंगे। एक अनुमान के मुताबिक लॉकडाउन के कारण करीब 13 लाख प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से अपने गृहनगर चले गए हैं।

सरकार का मानना है कि प्रवासी मजदूर (migrant worker) वापस आने के लिए बाध्य हैं क्योंकि उन्हें राज्य बेहतर आजीविका का मौका दे रहा है।  प्रधान सचिव पराग जयिन नैनुटिया ने कहा कि, अधिकांश प्रवासी अब वापस लौट रहे हैं। विशेष रूप से मुंबई, (mumbai), ठाणे (thane) और पालघर (palghar) में हर दिन वापस लौटने वाले प्रवासियो की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, 4 जून को, 7,000 प्रवासी वापस महाराष्ट्र आए, जबकि 14 जून को 10,000 से अधिक प्रवासी वापस आ गए हैं। इसके अलावा पिछड़े इलाकों में रहने वाले प्रवासी जो अपने गांव चले गए हैं, उनके वापस महाराष्ट्र लौटने की संभावना अधिक बनी हुई है क्योंकि उनके यहां रोजगार के कोई अवसर नहीं हैं।

लॉकडाउन लगने के बाद से मुंबई में काम करने वाले लगभग 10 लाख प्रवासियों ने अपने गृहनगर रवाना होने के लिए आवेदन किया था। अब तक 6.5 लाख प्रवासियों को ट्रेनों के माध्यम से उनके गृहजिलों में छोड़ा गया है जबकि 1.5 लाख प्रवासियों ने परिवहन के अन्य साधनों का उपयोग करते हुए अपने गांव गए।

जिन शीर्ष पांच राज्यों से अधिकतम श्रमिक ट्रेनों को छोड़ा गया उनमें से गुजरात से 979, महाराष्ट्र से 695, पंजाब से 397, उत्तर प्रदेश से 263 और बिहार से 263 ट्रेनें शामिल हैं। ये ट्रेनें इन राज्यों से देश के विभिन्न हिस्सों में गयीं थीं। इसके अलावा जिन राज्यों से सबसे अधिक ट्रेनें आई उनमें उत्तर प्रदेश में 1520, बिहार में 1296,  झारखंड में 167, मध्य प्रदेश में 121 और ओडिशा में 139 ट्रेने हैं।

 एक याचिका के जवाब में प्रवासियों के संदर्भ में जिला कलेक्टर ने पहले बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया था कि लॉकडाउन के बीच 50 हजार से अधिक प्रवासियों को इस महीने की शुरुआत में नागपुर से उनके गृह राज्यों में वापस भेजा गया।  नागपुर जिला कलेक्टर और शहर पुलिस आयुक्त लॉकडाउन के परिणामस्वरूप प्रवासियों द्वारा सामना की गई कठिनाइयों को उजागर करने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा की गई एक मुकदमे की याचिका का जवाब दे रहे थे।  

कलेक्टर ने अपने हलफनामे में कहा था कि जो लोग अपने गृह राज्यों तक पहुंचने के लिए सड़कों पर चलते पाए गए थे, उन्हें पुलिस ने रोका और उनके लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) की बसें उपलब्ध करा कर व्यवस्थित रूप से उनके गृहनगर छोड़ा गया।

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