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मुंबई से पुणे की यात्रा अब और भी सुविधाजनक होगी

देश का सबसे ऊंचा पुल मुंबई-पुणे हाईवे पर बनाया जाएगा।

मुंबई से पुणे की यात्रा अब और भी सुविधाजनक होगी
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मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर बने केबल-स्टेड ब्रिज से दोनों शहरों के बीच आने-जाने का समय 45 मिनट कम हो जाएगा।यह ब्रिज ज़मीन से 182 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है, जो लगभग 60 मंज़िला इमारत जितनी ऊंचाई है।(The journey from Mumbai to Pune will now become even faster)

रस्ते का काम लगभग पूरा

सह्याद्रि की गहरी घाटियों में इस ब्रिज का कंस्ट्रक्शन कई सालों से चल रहा है। सैकड़ों मज़दूर अपनी जान जोखिम में डालकर इस ब्रिज को बनाने का काम कर रहे हैं। यह रास्ता अब लगभग पूरा हो गया है।इस 650 मीटर लंबे ब्रिज का कंस्ट्रक्शन अभी 95 परसेंट पूरा हो चुका है। बताया गया है कि बाकी काम दो-तीन महीने में पूरा हो जाएगा।

अप्रैल 2026 तक यात्रियों के लिए खुलने की उम्मीद

इस वजह से, 2019 में शुरू हुआ मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट अप्रैल 2026 तक यात्रियों के लिए खुलने की उम्मीद है।यह मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद, पुणे से मुंबई आने वाले यात्रियों को घाटों पर ट्रैफिक जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा।मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे देश का पहला एक्सप्रेसवे है। इसे दो दशक पहले बनाया गया था। उस समय 13 km लंबे 'मिसिंग लिंक' का आइडिया आया था। यह प्रोजेक्ट घाट रूट का एक ऑप्शन होना था।

इसकी ज़िम्मेदारी MSRDC को

जब बढ़ते ट्रैफिक की वजह से दूसरे रूट की ज़रूरत पड़ी तो यह पुरानी फाइल फिर से खोली गई। इसकी ज़िम्मेदारी MSRDC को दी गई, जिसने बांद्रा-वर्ली सी-लिंक और ओरिजिनल मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे बनाया था।सह्याद्री घाट सेक्शन 19 km लंबा है। मोड़, उतार-चढ़ाव की वजह से ट्रैफिक धीरे चलता है। भारी गाड़ियों की वजह से यहां 5 km तक जाम लग जाता है।इससे इस रूट पर ट्रैवल टाइम दोगुना से भी ज़्यादा हो जाता है और एक्सीडेंट भी ज़्यादा होते हैं। मिसिंग लिंक से मुंबई-पुणे के सफ़र में 30 से 45 मिनट बचेंगे।

यह प्रोजेक्ट आठ लेन का है। हर तरफ चार लेन होंगी। इसमें दो ब्रिज (जिनमें से एक केबल-स्टेड ब्रिज है), दो टनल और दो वायडक्ट हैं।

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