मुंबई की आबादी बढ़ती जा रही है। साथ ही, बढ़ती आबादी के कारण पीने के पानी यानी मीठे पानी की मांग भी बढ़ती जा रही है। पानी की इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मुंबई नगर निगम समुद्र के खारे पानी को मीठा करने के लिए मनोरी में विलवणीकरण संयंत्र लगाने जा रहा है।
बीएमसी ने जारी किया टेंडर
महाराष्ट्र टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार बीएमसी ने हाल ही में इसके लिए टेंडर जारी किया है। इस परियोजना पर 4,400 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पिछले तीन-चार सालों से परियोजना शुरू होने से पहले ही इसमें देरी होने के कारण इसकी लागत में करीब 1,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो गई है।
मनोरी में विलवणीकरण परियोजना को लागू करने का फैसला
मुंबई को तानसा, मोदक सागर, मध्य वैतरणा, अपर वैतरणा, भातसा, विहार और तुलसी जैसे सात बांधों से रोजाना चार हजार मिलियन लीटर पानी मिलता है। मुंबई की बढ़ती जलापूर्ति को पूरा करने के लिए समुद्र के खारे पानी को मीठा करने के लिए बीएमसी ने मनोरी में विलवणीकरण परियोजना को लागू करने का फैसला किया।
हालांकि, यह परियोजना पिछले तीन-चार सालों से टेंडर प्रक्रिया में ही अटकी हुई है। निविदाओं पर कोई प्रतिक्रिया न मिलने के कारण यह प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी। अब मुंबई नगर निगम ने एक बार फिर यह प्रक्रिया शुरू की है और निविदाएं आमंत्रित की हैं।
मुंबईकरों को कुल 400 मिलियन लीटर पानी उपलब्ध कराया जाएगा
इस परियोजना में समुद्री जल का प्रसंस्करण किया जाएगा और मुंबईकरों को कुल 400 मिलियन लीटर पानी उपलब्ध कराया जाएगा। पहले चरण में 200 मिलियन लीटर प्रतिदिन और दूसरे चरण में 200 मिलियन लीटर पानी उपलब्ध कराया जाएगा।पहले इस परियोजना की लागत 3,520 करोड़ रुपये रहने का अनुमान था। अब यह लागत करीब 1,000 करोड़ रुपये बढ़ गई है। परियोजना के डिजाइन और निर्माण की लागत 3,200 करोड़ रुपये है।
साथ ही परियोजना पूरी होने के बाद 20 साल तक रखरखाव और मरम्मत के लिए 1,200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना के लिए आवश्यक मशीनरी और उपकरण विदेश से आयात किए जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ सालों में इनकी कीमत में वृद्धि के कारण परियोजना की लागत भी बढ़ गई है।
विलवणीकरण परियोजना के लिए दिसंबर 2023 से टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि, कई तकनीकी मुद्दों और नियम व शर्तों के कारण, इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी और समय सीमा बढ़ा दी गई थी। नगर निगम ने टेंडर रद्द करके अंतरिम में फिर से टेंडर करने का फैसला किया, लेकिन फिर से टेंडर का कोई जवाब नहीं मिलने पर प्रक्रिया रद्द कर दी गई।
मनोरी में लगाया जाएगा प्रोजेक्ट
बीएमसी रुकी हुई परियोजना के लिए फिर से टेंडर करेगा और मनोरी में यह प्रोजेक्ट स्थापित करेगा। परियोजना के पूरा होते ही पी नॉर्थ मलाड, पी साउथ गोरेगांव, आर सेंट्रल बोरीवली वेस्ट, आर नॉर्थ दहिसर वेस्ट और आर साउथ कांदिवली वेस्ट के वार्डों को इस परियोजना से पानी मिलेगा।
फिलहाल, भांडुप परिसर में जल शोधन केंद्र से मुंबई शहर और पश्चिमी उपनगरों को पानी की आपूर्ति की जाती है। सूत्रों ने बताया कि मनोरी में परियोजना चालू होने के बाद, भांडुप परिसर के इन पांच वार्डों के लिए पानी की आपूर्ति बच जाएगी। यह मुंबई में अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने वाली पहली परियोजना होगी।
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