मुंबई (mumbai) के चेंबूर (chembur) इलाके में एक 3 दिन का नवजात शिशु और उसकी मां कोरोना यानी (Covid - 19) पॉज़िटिव आए हैं। बच्चे का जन्म चेंबूर के साई अस्पताल में 26 मार्च, 2020 को हुआ था। और अब दोनों को आगे के इलाज के लिए कस्तूरबा अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक यह नवजात शिशु महाराष्ट्र में सबसे कम उम्र का कोरोनो वायरस पीड़ित है। कयास लागये जा रहे हैं कि मां और बच्चे को कोरोना उस बिस्तरे के कारण हुआ जो डिलीवरी के समय मां को दिया गया था। क्योंकि कुछ दिन पहले उसी बेड पर कोरोना पॉज़िटिव पेशेंट को भी वही बेड दिया गया था।
हाल ही में एक जांच में, परिवार ने सूचित किया कि कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती होने के बाद से अभी तक किसी भी बाल रोग विशेषज्ञ ने दौरा नहीं किया है।
द इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार में परिवार अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि पिता ने साईं अस्पताल में 2 कमरों एक बड़े रूम की बुकिंग की थी, लेकिन प्रसव के कुछ घंटे बाद ही महिला को बिना किसी कारण के एक अलग बिस्तर पर स्थानांतरित कर दिया गया।
Father of the three-day-old baby pleads for extra care. Requests @narendramodi and @OfficeofUT to offer assistance. The baby and the mother tested positive for #Coronavirus on March 27
— Mumbai Live (@MumbaiLiveNews) April 2, 2020
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डिलीवरी के बाद डॉक्टरों ने दंपति को परीक्षण करने के लिए कहा, जिसके बाद और 27 मार्च को मां और बच्चे का टेस्ट किया गया। टेस्ट के बाद जो रिपोर्ट आई उसमें मां और बच्चे को कोरोना से प्रभावित बताया गया।
इस बारे में 32 वर्षीय पिता ने आरोप लगाया है कि न तो नर्स और न ही कोई डॉक्टर मरीजों को देखने के लिए आया। आखिर बीएमसी ने कोरोना को देखते हुए 31 मार्च, 2020 को सेनेटाइज के उद्देश्यों के लिए अस्पताल को बंद कर दिया था।
चिंतित पिता ने यह भी कहा है कि एक बार जब उन्हें कस्तूरबा अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था, तो किसी भी डॉक्टर ने बच्चे को नहीं देखा।
जबकि अस्पताल का कहना है कि दोनों रोगियों को केवल रोगसूचक उपचार दिया गया है।
कस्तूरबा अस्पताल में इस समय 120 से अधिक कोरोना रोगियों का इलाज चल रहा है।