रविवार की सुबह मुंबई ने प्राणियों के हक के लिए एक अनोखा आंदोलन देखा। सुबह से भारी बारीश होते हुए भी वर्सोवा के यारी रोड पर स्थित महापालिका उद्यान में ‘आज की आवाज’ संस्था के नेतृत्व में आयोजित आंदोलन में सहभाग लेने वाले 150से भी जादा प्राणीप्रेमी एवम जागरूक नागरिकों ने एकमुख से 'प्राणियों के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम' अधिक कठोर करने की मांग की।
मालाड स्थित एक कसाई ने एक कुतीया का कत्ल करके उसके सिर्फ 3 हफ्तों के 6 पिल्लो को अनाथ करने की वजह से प्राणिप्रेमीयों में संतप्त भावना की लहर उठी है। “पिछले कुछ सालों में प्राणियों को पीडा देने की, विशेषत: स्ट्रे डॉग्ज- रस्ते के कुत्तों की हत्या करने की घटनाए लगातर बढ रही है। मालाड जैसी इंसानियात की गर्दन झुकाने वाली घटनाए अगर हम भविष्य में रोखना चाहते हैं तो 'प्राणियों के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम' को अधिक से अधिक कठोर करने के अलावा हमारे पास दुसरा कोई भी विकल्प नहीं हैं” ऐसा “प्राणियों को भी भावनाए होती हैं” आंदोलन के आयोजक और ‘आज की आवाज’ संस्था के अध्यक्ष प्रि. अजय कौल ने कहा।
"अपने देश में 'प्राणियों के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम'
१९६०में संमत किया गया था। लेकिन किसी बेज़ुबान जानवर के साथ क्रूरता की हदें पार करने के बाद कोई भी व्यक्ति बस 50
से
100
रुपये का जुर्माना देकर छूट सकता है।"
ऐसी जानकारी प्राणीप्रेमी अजय कौल ने दी.
बेझुबान,
बुझो होप फॉर स्ट्रेज्,
लायन्स क्लब ऑफ बाम्बे ओशिअनिक,
मूव्हमेंट ऑफ सिटिझन्स अव्हेअरनेस,
यारी रोड कलाविहार असोसिएशन,
माहिती सेवा समिती और एकता मंच इन संस्थांओ के कार्यकर्ताओं ने भी हाथो में घोषणाफलक लेकर निषेध आंदोलन में सहभाग लिया।