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पालतू जानवरों से होने वाली बीमारियों पर लगेगी लगाम, बनाया जायेगा आधुनिक प्रयोगशाला


पालतू जानवरों से होने वाली बीमारियों पर लगेगी लगाम, बनाया जायेगा आधुनिक प्रयोगशाला
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जानवरों से मनुष्यों को होने वाली बीमारियों से निजात दिलाने के लिए बीएमसी द्वारा अब आधुनिक प्रयोगशाला सहित जानवरों के लिए दवाखाना खोलने का निर्णय लिया गया है। अब तक पालतू जानवरों या लावारिस जानवरों के उपचार के लिए मात्र खार रोड में ही एक बीएमसी का अस्पताल है। अब इस खुलने वाले नए आधुनिक दवाखाने में जानवरों का उपचार तो किया जायेगा साथ ही जानवरों से मनुष्यों में होने वाली बीमारियों के मद्देनजर एक प्रयोगशाला की भी स्थापना की जाएगी जिससे बीमारियों पर रिसर्च किया जाएगा।  



जानवरो से बीमार होते हैं इंसान 

डॉक्टरों के अनुसार इंसानों को जो बीमारियां होती है उनमे से 300 से अधिक बीमारियां ऐसी होती हैं जो पशुओं के खराब मीट को खाने अथवा बीमार पशुओं के सम्पर्क में आने या फिर घरों में चूहे, तिलचट्टे, छिपकलियों के मलमूत्र से फैलती हैं। इन बीमारियों में लेप्टोस्पायरोसिस, रैबीज, एन्थ्रेंक्स, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू जैसी बीमारियां शामिल हैं। ये सभी बीमारियां जुनैटिक श्रेणी में आती हैं।


इंसानों के साथ साथ जानवर की संख्या भी बढ़ी 

2012 में हुए 19वे पशुगणना के अनुसार बीएमसी के अंतर्गत आने वाले कुल क्षत्र में लगभग 40,598 पालतू जानवर थे। इन जानवरों की यह संख्या इंसानों की बढ़ती जनसंख्या के आधार पर बढ़ती गई। यही नियम आवारा पशुओं के संदर्भ में भी लागू होता है, उनकी संख्या भी निरंतर बढ़ती ही गयी।



बीमारी के लिए नहीं था कोई खास इंतजाम 

खार रोड स्थित पशुओं के बीएमसी अस्पताल के अलावा परेल ने स्थित पशुओं के प्राइवेट अस्पताल में भी जानवरों का इलाज किया जाता है।लेकिन अब तक संसर्गजन्य बीमारियों की सूचना देने के लिए बीएमसी के पशु अस्पताल के साथ साथ प्राइवेट अस्पताल के पास भी कोई कारगार मशीनरी नहीं है, इसीलिए एक आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक प्रयोगशाला की जरुरत महसूस की जा रही थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए बीएमसी ने अब आधुनिक प्रयोगशाला और जानवरों के लिए दवाखाना बनाने के निर्णय लिया।

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