राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र भेजकर राज्य विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष के छात्रों के मुद्दे को हल करने का निर्देश दिया। तदनुसार, उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग ने कार्यवाही शुरू कर दी है, हालांकि विभिन्न छात्र संगठन परीक्षा रद्द करने पर अड़े हैं। विद्यार्थी भारती संघ ने यह भी मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा रद्द करें। इस पत्र पर छात्रों ने अपने अंगूठे की खून की मुहर लगाई है।
कोरोना संकट दिनों-दिन गहराता जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पहले परीक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। तदनुसार, उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग ने जुलाई महीने में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया। हालांकि, उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने यूजीसी को छात्रों की मांग के अनुसार परीक्षा रद्द करने के लिए कहा है और चूंकि कोरोना संक्रमण नियंत्रण में नहीं है, यूजीसी को पिछली परीक्षाओं के आधार पर अंक देने के लिए कहा गया है।
इस मांग पर नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है की वह छात्रों की परीक्षा ले। इससे कई छात्र नाराज हो गए हैं। कई छात्र तालाबंदी के बाद अपने गांव चले गए हैं। विद्यार्थी भारती संघ ने भी कोरोना के संक्रमण के कारण इन परीक्षाओं को न कराने की मांग की हैं संघ का कहना है कि इसने छात्रों की सेहत से खिलवाड़ होगा।
विद्यार्थी भारती संघ की प्रदेश अध्यक्ष मंजरी धूरी ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाखों छात्रों के भविष्य पर ध्यान दें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए इस पत्र में छात्रों ने अपने अंगूठे के खून से ठप्पा लगाया है। इसके साथ ही संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने परीक्षा लेने का फैसला किया तो संगठन परीक्षा का बहिष्कार करेगा।