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कचरे हटाने का काम बीएमसी ने दिया प्राइवेट हाथों में

अगर स्लम इलाकों की बात करें तो वहां पुरानी व्यवस्था यानी दत्तक बस्ती योजना के अनुसार ही कचरा उठाया जाएगा। अगर यह व्यवस्था चल निकलती है तो फिर पूरे मुंबई में इस मॉडल को लागू करने की योजना बनाई जा सकती है।

कचरे हटाने का काम बीएमसी ने दिया प्राइवेट हाथों में
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कचरा के असफल प्रबंधन को लेकर कई बार फजीहत झेल चुकी बीएमसी अब इस काम को ठेकेेदारी पद्धति से कराएगी. मतलब बीएमसी ने कचरा प्रबंधन का काम प्राइवेट हाथों में देने का निर्णय किया है. ठेकेदार ही सड़कों से कचरा उठाने से लेकर उसे डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने का पूरा काम करेगा। 

लोग हुए खुश

बीएमसी के इस निर्णय से लोग खुश भी नजर आ रहे हैं क्योंकि उन्हें आशा है कि अगर यह काम कोई गैर सरकारी संस्था करेगी तो बीएमसी से अच्छा ही करेगी। इस काम की शुरुआत उत्तर मुंबई के दहिसर, बोरीवली और कांदिवली से होगी। 

डोर से डम्पिंग ग्राउंड तक 

सूत्र के मुताबिक ठकेदार द्वारा ही प्राइवेट सोसायटियों में कचरे के डब्बे मुहैया कराए जाएंगे। उस डिब्बे में डाले गए कचरे को डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी। यही नहीं इस काम के लिए जो कर्मचारी लगेंगे वे भी ठेकेदार के ही आदमी होंगे।

इस व्यवस्था के तहत आने वाले 6 महीनों में सड़क के किनारे के लगे हुए सभी कचरों के डब्बों को हटा लिया जाएगा फिर नए ठेकेदार को आरएफआईडी संलग्न डब्बे दिए जाएंगे, इन डब्बों की खासियत यह होगी कि इनसे आसानी से पता चल सकेगा कि कचरा समय से उठाया गया है या नहीं?

स्लम में वही पुरानी व्यवस्था 

अगर स्लम इलाकों की बात करें तो वहां पुरानी व्यवस्था यानी दत्तक बस्ती योजना के अनुसार ही कचरा उठाया जाएगा। अगर यह व्यवस्था चल निकलती है तो फिर पूरे मुंबई में इस मॉडल को लागू करने की योजना बनाई जा सकती है।

पढ़ें: बीएमसी को मिला एशिया पैसेफिक पुरस्कार

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