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अफेयर, हाउसवाइफ, प्रॉस्टिट्यूट जैसे शब्द कोर्ट के इस्तेमाल से हटाए जाएंगे

सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी वैकल्पिक शब्दों की सूची

अफेयर, हाउसवाइफ, प्रॉस्टिट्यूट जैसे शब्द कोर्ट के इस्तेमाल से हटाए जाएंगे
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़  ने बुधवार को एक हैंडबुक का अनावरण किया। पुस्तिका में ऐसे शब्द शामिल हैं जो लैंगिक भेदभाव, महिलाओं के बारे में रूढ़िवादिता को उजागर करते हैं। अदालती कार्यवाही में इन शब्दों के प्रयोग से बचने के लिए वैकल्पिक शब्दों की एक सूची भी दी गई है। इसलिए अब कोर्ट की कार्यवाही में अफेयर, हाउसवाइफ, प्रॉस्टिट्यूट, ईव टीजिंग जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। (Words like affair housewife and prostitute will be banned from the courts)

सूचना पुस्तिका जारी

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि इस सूचना पुस्तिका से यह जानकारी दी गई है कि कौन से शब्द रूढ़िवादी हैं, लैंगिक भेदभाव दर्शाते हैं, कौन से वैकल्पिक शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इन वैकल्पिक शब्दों का इस्तेमाल अदालत में दलीलों, आदेशों और फैसलों के लिए किया जा सकता है। यह सूचना पुस्तिका वकीलों के साथ-साथ न्यायाधीशों के लिए भी है। 

इस पुस्तिका में वे शब्द शामिल थे जो अब तक अदालतों में इस्तेमाल किये जाते थे। साथ ही ये भी बताया कि ये शब्द गलत क्यों हैं, इसकी मदद से हम महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल से बच सकेंगे।

इस सूचना पुस्तिका में अफेयर की जगह विवाहेतर संबंध, वेश्या की जगह सेक्स वर्कर, छेड़छाड़ की जगह स्ट्रीट सेक्शुअल हैरेसमेंट, हाउसवाइफ की जगह होममेकर आदि शब्द सुझाए गए हैं।

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