
बीकेसी, सांताक्रूज़ और अंधेरी इलाकों में नागरिकों को हर दिन लंबी कतारों, देरी और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।मुंबई में यातायात जाम की समस्या कई वर्षों से चली आ रही है। हालाँकि, एमएमआरडीए इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए एक नई परियोजना बनाने की तैयारी कर रहा है। (Work begins on 70 km underground tunnel in Mumbai)
70 किलोमीटर लंबा भूमिगत गलियारा
यह 70 किलोमीटर लंबा भूमिगत गलियारा मेट्रो और रेलवे के बाद शहर में परिवहन का तीसरा सबसे बड़ा साधन बन जाएगा।एमएमआरडीए अगले कुछ वर्षों में 70 किलोमीटर लंबा भूमिगत सुरंग नेटवर्क बनाएगा। ये सुरंगें मुंबई के प्रमुख मार्गों पर यातायात के बोझ को काफी कम कर देंगी।यह गलियारा मेट्रो और अन्य मार्गों के अंतर्गत बनाया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1.05 ट्रिलियन रुपये है।
तीन चरणों में होगा काम
यह भूमिगत गलियारा मुंबई के समुद्र तट, बीकेसी क्षेत्र और छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMI) को जोड़ेगा। इससे पश्चिम से पूर्व और उत्तर-दक्षिण की यात्रा तेज़ और सुरक्षित हो जाएगी।यह परियोजना तीन चरणों में क्रियान्वित की जाएगी। पहले चरण में, वर्ली सी लिंक से बीकेसी होते हुए हवाई अड्डे तक 16 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाया जाएगा।
ट्रैफिक की समस्या से मिलेगी
इस चरण से हवाई अड्डे के आसपास यातायात कम होगा। दूसरे चरण में, 10 किलोमीटर लंबा पूर्व-पश्चिम संपर्क मार्ग बनाया जाएगा। तीसरा और सबसे बड़ा चरण 44 किलोमीटर लंबा उत्तर-दक्षिण गलियारा होगा। इससे मुंबई और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे तथा एस.वी. रोड पर यातायात की भीड़भाड़ काफी कम हो जाएगी।
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