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साइकिल ट्रैक बनाने के लिए तोड़ा घर, मलबे से बीमारी फैलने का डर


साइकिल ट्रैक बनाने के लिए तोड़ा घर, मलबे से बीमारी फैलने का डर
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मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली जलवाहिनी यानी बड़ी बड़ी पाइपों से सटकर बने झोपड़ों को तोड़ कर पाइप्स से लगभग 10 मीटर की जगह को खाली कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह जो 10 मीटर की जगह को खाली कराया जा रहा है उन पर साइकिल ट्रैक बनाये जाएंगे।

इसी के चलते वाकोला, माहिम, घाटकोपर सहित कुछ अन्य इलाकों में कई झोपड़ों को तोड़ दिया गया। लेकिन झोपड़ों का तोड़ना स्थानीय लोगों के लिए सर दर्द बन गया है, क्योंकि झोपड़ों को तोड़ने के बाद उनके मलबे वहीं पड़े हैं जिससे लोगों को आने जाने में तकलीफ तो हो ही रही है साथ ही उससे दुर्गंध भी आ रही है। इससे बीमारी फैलने का डर लोगों को सता रहा है। यही नहीं इन इलाकों के स्थानीय नगरसेवकों ने भी इन मलबों को हटाने की पुरजोर वकालत कर रहे हैं। 


शिवसेना के नगरसेवक सदा परब ने कहा कि इन बड़े बड़े पाइपों से सट कर जो झोपड़े बने हुए हैं उन्हें तोड़ने का काम हाईकोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है। जो पात्र हैं उन्हें घर दिया जाएगा। परब ने कहा कि घरों के जो मलबे पड़े हैं उनमें से मरे हुए चूहों की बदबू आती है यही नहीं इन मलबों पर कुत्तों और बिल्लियों द्वारा भी मल त्याग किया जा रहा है जिससे बीमारियों के भी फैलने का खतरा होने लगा है। परब ने आशा जताई कि जल्द ही इन मलबों को हटा लिया जायेगा।  


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इसी मुद्दे पर शिवसेना एक अन्य नगरसेवक मिलिंद वैद्य ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 8 साल पहले इन पाइप्स के बगल दिवार बनाई गयी थी, लेकिन बाद में यहां जॉगिंग ट्रैक और साईकिल ट्रैक भी बनाये जाने की मांग होने लगी। उन्होंने आगे कहा कि यह जो दीवारें बनी हैं इसकी आड़ में अनैतिक काम किये जाते हैं।

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