रेलवे में बढ़ी आपराधिक वारदात, नतीजा टांय-टांय फिस्स


रेलवे में बढ़ी आपराधिक वारदात, नतीजा टांय-टांय फिस्स
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मुंबईकरों की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन अब चोरों और पॉकेटमारों का अड्डा बनती जा रही है। लोकल ट्रेन ही नहीं बल्कि लंबी दुरी वाली ट्रेनों में भी कई बार मोबाइल चोरी की घटना सुनाई देती है। पिछले तीन महीने में मध्य रेलवे मार्ग पर मोबाइल चोरी की 5908 घटनाएं दर्ज की गयी हैं। मोबाइल चोरी पर लगाम लगे इसीलिए मध्य रेलवे ने पीक ऑवर में यानी सुबह और शाम को महाराष्ट्र सुरक्षा बल और रेलवे पुलिस सहित अन्य सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जा रही है।

चौकानें वाली बात यह है कि मध्य रेलवे में मोबाइल चोरी की 5908 घटनाओं में से अब तक मात्र 177 शिकायतों का निवारण हुआ है। इस साल जनवरी महीने में 2140 मोबाइल चोरी की घटनाएं दर्ज की गयी है जिसमें से मात्र 47 शिकायतों का ही निवारण हो सका। फरवी महीने में 1947 मोबाइल चोरी की घटनाओं को दर्ज किया गया जिसमें से मात्र 60 केसों को हल किया गया। इसके बाद मार्च महीने में 1821 केस दर्ज किये गये जिसमें से 70 केस हो हल हो सके।

यही नहीं पिछले 2 साल से ट्रेनों में से मोबाइल के बाद जिन वस्तुओं की सबसे अधिक चोरी हुई उसमें चैन स्नेचिंग, बैग, पर्स जैसे सामान शामिल हैं। जनवरी 2017 से लेकर दिसंबर 2018 तक इन दो सालों में कुल 37 हजार 302 केसों को दर्ज किया गया जबकि जनवरी 2019 से लेकर मार्च  2019 तक तीन महीने में 5908 केस दर्ज किये गये।

2018 में 22 हजार 525 केस में से मात्र 655 केस ही हल हुए हैं जिसमें से 752 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। साल 2017 में 14,777 केस में से मात्र 864 केसो को ही हल किया गया और इन केसो में 997 लोगों को गिरफ्तार किया गया।  

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