महाराष्ट्र की जेल में प्रवासी कैदियों की संख्या सबसे अधिक


महाराष्ट्र की जेल में प्रवासी कैदियों की संख्या सबसे अधिक
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एक आंकड़ों से पता चला है कि महाराष्ट्र की जेलों में प्रवासी कैदियों की संख्या सबसे अधिक है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) 2019 द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों से यह बात सामने आई। महाराष्ट्र की जेलों में न केवल प्रवासी बल्कि विदेशी कैदियों के अंडर ट्रॉयल होने के भी मामले में दूसरा स्थान है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने हाल ही में देश भर के राज्यों में हुए अपराध पर एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें महाराष्ट्र के संदर्भ में यह चौकानें वाली बात सामने आई कि, राज्य की जेलों में बंंद कैदियों में से 4675 प्रवासी कैदी अंडर ट्रायल हैं।

यह आंकड़ा किसी भी अन्य राज्य की तुलना में देश में सबसे अधिक है। राज्य के कुल कैदियों में से 16 प्रतिशत प्रवासी हैं। यह अनुपात किसी भी राज्य के अनुपात से अधिक है। इसके बाद 3,470 विदेशी कैदियों के साथ उत्तर प्रदेश की जेलें नंबर दूसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश मे प्रवासी कैदियों का अनुपात 11.8 प्रतिशत है। तो वहीं दिल्ली इस मामले में तीसरे स्थान पर है। दिल्ली में 3,453 प्रवासी अंडरट्रायल कैदी हैं। दिल्ली में प्रवासी कैदियों का अनुपात 11.8 प्रतिशत है।

महाराष्ट्र में विदेशी कैदियों के अंडर ट्रायल होने की संख्या दूसरी है। महाराष्ट्र की जेलों में 466 विदेशी कैदी अंडर ट्रायल हैं। महाराष्ट्र इस मामले में दूसरे नंबर पर है जबकि 576 विदेशी कैदियों के साथ पश्चिम बंगाल पहले स्थान पर है।

साल 2019 में देश में कैदियों की संख्या अचानक बढ़ गई।  2018 में, देश में 3 लाख 23 हजार 537 कैदी थे।  2019 में इनकी संख्या बढ़कर 3 लाख 30 हजार 487 तक पहुंच गई है। अंडर ट्रायल कैदियों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र देश में तीसरे स्थान पर है।

2019 में, राज्य की जेलों में 27,557 अंडरट्रायल कैदी थे।  इस सूची में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 73,418 अंडरट्रायल कैदी हैं।

महाराष्ट्र के एक विशेषज्ञ का मानना है कि राज्य में अंडर ट्रायल कैदी इसलिए सबसे अधिक हैं क्योंकि यहां प्रवासियों की संख्या सबसे अधिक है, साथ ही यहां की पुलिस भी सक्षम है जो प्रवासी आरोपियों को उनके राज्य से गिरफ्तार कर लाती है।

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