जब पूर्व पुलिस कर्मचारी ही निकला चोर...

भोईवाड़ा पुलिस ने एक ऐसे ही पुलिस कर्मी को गिरफ्तार किया है जो चोरी का काम करता था। इस पुलिसकर्मी का नाम अक्षय चौघुले है। इसकी करतूतों के कारण विभाग ने अक्षय को नौकरी निकाल दिया था।

जब पूर्व पुलिस कर्मचारी ही निकला चोर...
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लोग गलत काम न करें और बनाए गए कानून के मुताबिक चलें इसीलिए पुलिस विभाग का गठन किया गया है, लेकिन क्या होगा उस समय जब रक्षक ही भक्षक बन जाए। इसी तरह के एक मामला भोईवाड़ा इलाके में सामने आया है। भोईवाड़ा पुलिस ने एक ऐसे ही पुलिस कर्मी को गिरफ्तार किया है जो चोरी का काम करता था। इस पुलिसकर्मी का नाम अक्षय चौघुले है। इसकी करतूतों के कारण विभाग ने अक्षय को नौकरी निकाल दिया था।


थी चोरी की लत

बताया जाता है कि अक्षय चौघुले भोईवाड़ा के बीडीडी परिसर में ही रहता है और एक पढ़े लिखे परिवार से आता है, लेकिन अक्षय की संगत बुरी थी। बुरी संगत के कारण ही अक्षय को चोरी की लत लग गयी। अक्षय के पिता पुलिस विभाग में नौकरी करते थे लेकिन नौकरी के दौरान ही मौत हो जाने पर अक्षय को अनुकंपा पर रख लिया गया। पुलिस में नौकरी लगने के बाद भी अक्षय की चोरी की लत नहीं छूटी थी। अक्षय रात भर अपने दोस्तों के साथ बाहर रहता और चोरी की घटना को अंजाम दिया करता था।


 नौकरी से हुआ निलंबित 

ऐसे ही एक दिन रफ़ी अहमद किदवई इलाके में पुलिस ने अक्षय को चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा। चोरी के बाद पुलिस विभाग ने अक्षय को निलंबित कर दिया, बावजूद इसके अक्षय की चोरी की लत नहीं छूटी।

 
हुआ गिरफ्तार 

बुधवार की रात को जब अक्षय राजाराम वाड़ी में घूम रहा था तो स्थानीय निवासी प्रतिक वरखडे ने देखा और कहा कि वो यहाँ क्या कर रहा है? लेकिन अक्षय कुछ नहीं बोला। सुबह होने पर प्रतिक की मां ने प्रतिक को बताया कि घर में चोरी हो गयी है और कई सारे सामान गायब है. इसके बाद प्रतिक ने अक्षय के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई क्योंकि प्रतिक अक्षय की करतूतों से अच्छी तरह से वाकिफ था.

शिकायत के आधार पुलिस ने अक्षय को गिरफ्तार किया। शुरुआती पूछताछ में अक्षय ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन पुलिस की कड़ी पूछताछ में अक्षय टूट गया और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने अक्षय के खिलाफ आईपीसी की धारा 380 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहले भी अक्षय को गिरफ्तार किया गया था लेकिन पुलिस विभाग की बदनामी के डर से उसे समझा बुझा कर छोड़ दिया गया लेकिन वह सुधरा नहीं।

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