सीबीआई ने पीएनबी में 13 हजार करोड़ के फ्रॉड केस में सोमवार को मुंबई स्पेशल कोर्ट में पहली चार्जशीट दायर की। इसमें बैंक की पूर्व प्रमुख ऊषा अनंतसुब्रमण्यन अलावा करीब 22 लोगों के नाम हैं। इनमें कुछ अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। ऊषा फिलहाल इलाहबाद बैंक की सीईओ और एमडी हैं। देश में बैंकिंग सेक्टर के सबसे बड़े फ्रॉड का खुलासा फरवरी की शुरुआत में हुआ था। जिसके बाद से इस घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी अभी तक फरार है। जांच एजेंसियों ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी को पकड़ने के लिए उसके कई ठिकानों में छापा मारा था।
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ऊषा 2015 से 2017 तक पीएनबी की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी थीं। हाल में मामले के संबंध में सीबीआई ने उनसे पूछताछ की थी। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कार्यकारी डायरेक्टर्स - केवी ब्रह्मजी राव और संजीव शरण और महाप्रबंध (अंतरराष्ट्रीय परिचालन) निहाल अहद का भी नाम लिया है। बैंक के अधिकारी के चार्जशीट में नाम आने के बाद वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि हमने आज पीएनबी और इलाहाबाद बैंक के डायरेक्टर्स को यह निर्देश दिया है कि जो भी इस केस में आरोपी हैं उनके सभी अधिकार वापस से लिए जाएं।
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13 हजार करोड़ के फ्रॉड का खुलासा फरवरी के पहले हफ्ते में हुआ। पंजाब नेशनल बैंक ने सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले की जानकारी दी। बाद में पीएनबी ने सीबीआई को बैंक में 1300 करोड़ के नए फ्रॉड की जानकारी दी। इस तरह यह रकम बढ़कर करीब 13 हजार करोड़ तक पहुंच गई।