मुंबई की एक विशेष टाडा अदालत ने वर्ष 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में मुख्य मास्टरमाइंड मुस्तफा दौसा और प्रत्यर्पित कर भारत लाए गए गैंगस्टर अबू सलेम सहित छह लोगो को दोषी ठहराया। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के विरोध में यह ब्लास्ट करवाए गए थे।
12 मार्च 1993 को मुंबई में सिलसिलेवार 12 जगहों पर हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग घायल हुए थे।
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कितने बजे हुए ये धमाके
पहला धमाका-दोपहर 1.30 बजे, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज
दूसरा धमाका-दोपहर 2.15 बजे, नरसी नाथ स्ट्रीट
तीसरा धमाका-दोपहर 2.30 बजे, शिव सेना भवन
चौथा धमाका-दोपहर 2.33 बजे,एयर इंडिया बिल्डिंग
पाँचवा धमाका-दोपहर 2.45 बजे,सेंचुरी बाज़ार
छठा धमाका-दोपहर 2.45 बजे,माहिम
सातवाँ धमाका-दोपहर 3.05 बजे,झावेरी बाज़ार
आठवाँ धमाका-दोपहर 3.10 बजे,सी रॉक होटल
नौवाँ धमाका-दोपहर 3.13 बजे,प्लाजा सिनेमा
दसवाँ धमाका-दोपहर 3.20 बजे,जुहू सेंटूर होटल
ग्यारवाँ धमाका-दोपहर 3.30 बजे,सहार हवाई अड्डा
बारहवाँ धमाका-दोपहर 3.40 बजे,एयरपोर्ट सेंटूर होटल
इसके आधे घंटे बाद एक कार धमाका हुआ और अगले दो घंटे से कम समय में कुल 13 धमाके हो चुके थे।इस धमाके में करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
आइए हम आपको बताते हैं कैसे घटनाक्रम आगे बढ़ा है इस मामले में.....
12 मार्च 1993: सिलसिलेवार 12 जगहों पर हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए जबकि 713 लोग घायल हुए। बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की 28-मंज़िला इमारत की बेसमेंट में दोपहर 1.30 बजे धमाका हुआ जिसमें लगभग 50 लोग मारे गए थे। इसके आधे घंटे बाद एक कार धमाका हुआ और अगले दो घंटे से कम समय में कुल 13 धमाके हो चुके थे।
19 अप्रैल 1993: जांच एजेंसियों ने संजय दत्त को AK-56 रखने पर गिरफ्तार किया। एजेंसियों ने अपनी जांच में पाया था कि बम धमाकों से पहले हथियारों की खेप भारत लायी गई थी, जिसके तहत संजय दत्त के पास से ये हथियार मिला।
26 अप्रैल 1993: मुंबई में टाडा की विशेष अदालत में संजय दत्त ने AK-56 रखने की बात कबूली।
3 मई 1993: संजय दत्त को कोर्ट से जमानत मिल गई।
4 नवंबर 1993: 10,000 पन्ने की 189 लोगों के खिलाफ प्रार्थमिक चार्जशीट दायर की गई
19 नवंबर 1993: मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया।
4 जुलाई 1994: संजय दत्त की जमानत रद्द, दोबारा हुई गिरफ्तारी। कोर्ट ने उनके जुर्म को गंभीर करार दिया। इसके बाद संजय दत्त 18 महीने जेल में रहे।
19 अप्रैल 1995: मुंबई की टाडा अदालत में इस मामले की सुनवाई आरंभ हुई। अगले दो महीनों में अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए गए।
16 अक्टूबर 1995: संजय दत्त को कोर्ट से जमानत मिल गई।
जुलाई 2007: टाडा अदालत ने जुलाई 2007 में संजय दत्त को 9 एमएम पिस्टल और AK-56 रखने पर आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया. AK-56 रखने पर कोर्ट ने 6 साल जेल की सजा सुनाई।
2 अगस्त 2007: कोर्ट ने अगस्त 2007 में संजय दत्त को दोबारा हिरासत में लेने का आदेश दिया. इस बार उन्हें पुणे की यरवदा जेल में रखा गया.
20 अगस्त 2007: संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई।
अक्तूबर 2000: सभी अभियोग पक्ष के गवाहों के बयान समाप्त हुए।
अक्तूबर 2001: अभियोग पक्ष ने अपनी दलील समाप्त की।
सितंबर 2003: मामले की सुनवाई समाप्त हुई।
सितंबर 2006: अदालत ने अपने फैसले देने शुरु किए। इस मामले में 123 अभियुक्त हैं जिनमें से 12 को निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। इस मामले में 20 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई थी जिनमें से दो की मौत हो चुकी है और उनके वारिस इस मुकदमा लड़ रहे हैं।
इनके अलावा 68 लोगों को उम्र कैद से कम की सज़ा सुनाई गई थी जबकि 23 लोगों को निर्दोष माना गया था।
नवंबर 2006: संजय दत्त को पिस्तौल और AK-56 राइफल रखने का दोषी पाया गया था। लेकिन उन्हे कई अन्य संगीन मामलों में बरी किया गया।
नवंबर 1, 2011: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु हुई जो दस महीने चली।
अगस्त 2012: सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।
21 मार्च 2013: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए संजय दत्त को 5 साल जेल की सजा सुनाई।
मई 2014: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने याकूब मेमन की दया याचिका खारिज की।
अप्रैल 9, 2015: सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन की पुन: विचार याचिका खारिज की।
जुलाई 21, 2015: सुप्रीम कोर्ट ने याकूब क्यूरेटिव याचिका खारिज की।
जुलाई 29, 2015: सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी पर रोक लगाने से किया इनकार।
जुलाई 29, 2015: याकूब मेमन ने फिर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से दया की अपील।
10.45 PM: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने याकूब मेमन की दया याचिका खारिज की।
03.20 AM: पहली बार रात 3:20 बजे लगी कोर्ट, डेढ़ घंटे सुनवाई।
04.50 AM: याकूब की याचिका खारिज।
06.30 AM: फांसी पर लटका 1993 ब्लास्ट का मुख्य आरोपी मेमन।
25 फरवरी 2016 : आर्म्स एक्ट में सजा पूरी करने के बाद यरवदा जेल से संजय दत्त की रिहाई
16 जून 2017: मुंबई ब्लास्ट के 24 साल बाद अबू सलेम और मुस्तफा दौसा सहित 6 लोग दोषी ठहराए गए जबकि एक निर्दोष ठहराया गया। दो दिन बाद होगा सजा का एलान।
किस पर कौन सा आरोप हुआ साबित
अबू सलेमः मुख्य साजिशकर्त्ता, हमले की साजिश में शामिल, हत्या का भी दोषी पाया गया। धमाकों की साजिश, हथियार और विस्फोटक भरुच से मुंबई लाने का आरोप।
मुस्तफा दौसा: दुबई से हथियार और विस्फोटक मुंबई भिजवाए, धमाकों की साजिश की पहली मीटिंग इसी के घर पर हुई। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का करीबी और हमले की साजिश को अंजाम देने में मददगार।
ताहिर मर्चेंटः धमाकों के लिए पैसा जुटाया। कई आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भिजवाया।
फिरोज अब्दुल राशिद खानः दुबई में साजिश के लिए मीटिंग में शामिल हुआ। हथियार और विस्फोटक लाने में मदद की।
करीमुल्लाह शेखः अपने दोस्त को पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग दिलवाई। हथियार और विस्फोटक लाने में मदद की।
अब्दुल कय्यूम: सबूत के आभाव में बाइज्जत बरी (दाऊद इब्राहिम के दुबई दफ्तर में मैनेजर था)।
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