कमला मिल आग हादसे के बाद से ही फरार चल रहे कमला मिल के मालिक रमेश गोवानी को पुलिस ने 22 दिसंबर की रात चेंबूर से गिरफ्तार किया। गोवानी को 29 जनवरी तक पुलिस कस्टडी का आदेश कोर्ट ने सुनाया है। गोवानी पर आरोप है कि कमला मिल में हुए अवैध निर्माण की जानकारी उसे थी बावजूद इसके उसने उसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
29 दिसंबर को कमला मिल स्थित मोजोस बिस्त्रो में आग लगने के कारण 14 लोगों की मौत हो गई थी। उस हादसे के बाद से ही कमला मिल का मालिक रमेश गोवानी फरार चल रहा था। गोवानी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस को उसकी तलाश थी। एन.एम. जोशी मार्ग पुलिस ने 22 जनवरी की रात चेंबूर से उसे गिरफ्तार किया। गोवानी को शिवडी कोर्ट में पेश किया गया, कोर्ट ने उसे 29 जनवरी तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
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इसके पहले गोवानी ने 4 जनवरी को स्पष्टीकरण देते हुए यह दावा किया था कि उसका इस हादसे से कोई संबंध नहीं है। पत्रकारों से बात करते हुए उसने बताया था कि वह निर्दोष है।
हादसे के बाद से बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता ने सीएम देवेंद्र फडणवीस को जो जांच रिपोर्ट सौंपी उसमें भी रमेश गोवानी का जिक्र है। रिपोर्ट के अनुसार रमेश ने कमला मिल इलाके में कई लोगों को भाड़े पर दूकान चलाने के लिए दिया हैं, इसीलिए अवैध निर्माण को बढ़ावा देने के लिए गोवानी को दोषी माना गया है।
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यही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस जांच में दमकल अधिकारी राजेंद्र पाटिल, हुक्का पार्लरों का ठेकेदार उत्कर्ष पांडेय और रमेश गोवानी के पार्टनर रवि सुरमल भंडारी को गिरफ्तार किया गया। राजेंद्र पाटिल पर आरोप है कि उसने बिना किसी जांच के हुक्का पार्लर को एनओसी दे दी और पांडेय के पास हुक्का पार्लरों का ठेका था, जबकि भंडारी भी अवैध निर्माण के लिए गोवानी के बराबर ही मुजरिम है।