आपके बैंक का फोन नंबर कहीं साइबर चोरों का नंबर तो नहीं?

पुलिस की जांच में अभी तक यह पता चला है कि साइबर चोरों ने बैंक के एड्रेस पर अपना नंबर अपडेट किया था। मापलेकर ने बताया कि यह पैसा उन्हें रीटायरमेंट के बाद मिला था जो उनके जीवनभर की कमाई थी।

आपके बैंक का फोन नंबर कहीं साइबर चोरों का नंबर तो नहीं?
SHARES

सीनियर सिटीजन दत्ताराम मापलेकर को गूगल की मदद लेना इतना भारी पड़ गया कि इसकी कीमत उन्हें 98 हजार रुपए गंवा कर चुकानी पड़ी। मापलेकर गूगल के माध्यम से एक बैंक का फोन नंबर ढूंढ रहे थे लकिन उनकी कॉल साइबर चोरों को लग गयी। और चोरों ने मापलेकर से सारी जानकारी लेकर उनके बैंक खाते से 98 हजार रुपए क्रेडिट निकाल लिए।

क्या था मामला?
पवई इलाके में रहने वाले मालपेकर विक्रोली के एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। कंपनी के नजदीक ही एक प्राइवेट बैंक की शाखा  थी। उस बैंक में मापलेकर का भी खाता था। कुछ दिन पहले यह बैंक घाटकोपर शिफ्ट हो गया। मापलेकर ने कुछ काम के चलते  बैंक का एड्रेस जानना चाहा। इसके लिए उन्होंने गूगल की मदद ली। गूगल में उन्हें संबंधित बैंक का एक नंबर मिला। उन्होंने उस नंबर पर बात करके अपने सारी परेशानी बताई, इसके बाद जिस व्यक्ति से उनकी बात हुई उसने भी कई जानकारियां मापलेकर से हासिल किया। लेकिन मापलेकर उस समय हैरान रह गये जब कुछ मिनट बाद उनके मोबाइल में एक मैसेज आया, जिसमें उनके खाते से 98 हजार रुपए निकाले जाने की सूचना दी गयी थी।

इस मैसेज को देखने के बाद मापलेकर ने तत्काल इसकी शिकायत पवई पुलिस में दर्ज कराई। अब पुलिस इस मामले में जांच शुरू किया है। पुलिस की जांच में अभी तक यह पता चला है कि साइबर चोरों ने बैंक के एड्रेस पर अपना नंबर अपडेट किया था। मापलेकर ने बताया कि यह पैसा उन्हें रीटायरमेंट के बाद मिला था जो उनके जीवनभर की कमाई थी। 

Read this story in मराठी
संबंधित विषय
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें