एक चौकाने वाले आंकड़े के मुताबिक दहेज़ के लिए औरतों को मारने या फिर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में वृद्धि हुई है। इस साल 11 महिलाएं दहजे की बलि चढ़ गयी उसके बाद भी इस तरह के मामले रुकने के नाम नहीं ले रहे हैं। मुंबई के विभिन्न पुलिस थानों में अब तक दहेज़ के 200 मामले दर्ज हो चुके हैं जिनमे से 54 मामलों में गिरफ्तारी भी हुई है। यही नहीं पिछले साल भी हर महीने 2 विवाहित महिलाओं ने अपनी जान गवाईं थीं।
इन कारणों से हुई हत्या
इस साल दहेज़ के मामले में कुल 11 महिलाओं की मौत हुई थी, जिसमें से 2 महिलाओं की हत्या की गयी थी जबकि 9 लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाया गया था।इन मौतों का जो कारण बताया गया था उसके मुताबिक शादी के मौके पर दहेज़ कम देना या फिर बारातियों की इज्जत में कमी आना के साथ साथ मांग के अनुसार गाड़ियां या फिर पैसे नहीं था।
चिंता का विषय
पुलिस द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़े के मुताबिक महिलाओं के शारीरिक और मानसिक के कई मामले तो पुलिस तक पहुँच ही नहीं पाते। 2017 में घरेलू हिंसा की धारा 498 कानून के तहत कुल 230 केस दर्ज किये गए थे, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 602 था।