डीआरआई ने मुंबई में बड़ी कार्रवाई की

30 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया

डीआरआई ने मुंबई में बड़ी कार्रवाई की
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राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की है और इस कार्रवाई में, डीआरआई को महंगी लकड़ी की वस्तुओं के आयात से 30 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने में सफलता मिली है। दो दिनों तक चली इस कार्रवाई में, डीआरआई ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और आरोपियों के खिलाफ सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कई जगहो पर छापे

इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद, डीआरआई ने मुंबई स्थित व्यापारिक कार्यालयों, गोदामों, माल भाड़ा अग्रेषणकर्ताओं और सीमा शुल्क ब्रोकरेज कार्यालयों का गहन निरीक्षण किया। उस समय, जाँच में पता चला कि एक प्रसिद्ध फर्नीचर कंपनी इटली और यूरोप से फर्नीचर आयात कर रही थी। हालाँकि, इस आयात के लिए दुबई की फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके लिए फर्जी रसीदों का भी इस्तेमाल किया जा रहा था। ये सामान सीधे यूरोप से आयात किया जा रहा था।

सिंगापुर स्थित एक दलाल के माध्यम से फर्जी चालान बनाकर सामान को कम कीमत पर 'बिना ब्रांड' वाले फर्नीचर के रूप में पेश किया जा रहा था और नकली आयातक के नाम पर सामान मंगवाया जा रहा था। दस्तावेजों से पता चला कि सीमा शुल्क निकासी के बाद सारा सामान एक स्थानीय दलाल के माध्यम से आयातक को हस्तांतरित किया जाता था। डीआरआई ने बताया कि असल में, सामान सीधे ग्राहक या मूल कंपनी को भेजा जा रहा था।

जांच में क्या खुलासा हुआ?

संदेह है कि सभी लेन-देन में कीमतों में 70 से 90 प्रतिशत की कमी दिखाकर कम से कम 30 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क धोखाधड़ी की गई। फर्जी आयातक, दलाल और लाभार्थी कंपनी के बीच मिलीभगत थी। इसके लिए फर्जी दस्तावेजों, चालान और कंपनियों का इस्तेमाल किया गया। इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और संभव है कि इस मामले में और लोगों की भी गिरफ्तारी हो। इससे पहले भी ऐसी ही एक घटना हो चुकी है।

मई 2025 में, डीआरआई ने एक ऐसे ही मामले का पर्दाफाश किया था जिसमें एक फर्जी कंपनी के नाम पर महंगी लकड़ी की वस्तुओं का आयात किया गया था। उस मामले में 20 करोड़ रुपये से अधिक के सीमा शुल्क का गबन होने का खुलासा हुआ था। उस मामले में भी फर्जी कंपनियों और आयातकों का इस्तेमाल किया गया था। फिलहाल, डीआरआई नए मामले के मुख्य आरोपियों और वित्तीय लेन-देन की गहन जाँच कर रही है। आरोपियों ने कस्टम विभाग को 30 करोड़ रुपये का चूना लगाकर सरकार को नुकसान पहुँचाया है। इस मामले के कुछ आरोपियों के विदेश में होने की भी आशंका जताई जा रही है।

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