गैस सब्सिडी के नाम पर फर्जीवाड़ा करनेवाले गिरोह का पर्दाफाश


गैस सब्सिडी के नाम पर फर्जीवाड़ा करनेवाले गिरोह का पर्दाफाश
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साइबर पुलिस (Cyber police)  ने गैस एजेंसियों के साथ-साथ लाखों सरकारी अनुदान पाने के नाम पर ऑनलाइन जालसाजों के एक गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है।  आरोपी ने इसके लिए एक फर्जी वेबसाइट बनाई थी।  मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।  मामले के सिलसिले में 36 वर्षीय रवि कुमार रविदास और 35 वर्षीय डॉली शर्मा को हाल ही में बिहार से गिरफ्तार किया गया था।  दो अन्य को भी पश्चिम बंगाल(West bengal)  से गिरफ्तार किया गया है।

गोरेगांव (Goregaon)  का निवासी, वह एक निजी कंपनी में बिक्री प्रबंधक के रूप में काम करता है।  उन्होंने सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखा था।  इसने गैस एजेंसी दिलाने का वादा किया था।  इसके अलावा, यह उल्लेख किया गया था कि उन्हें 30 लाख रुपये की सब्सिडी भी मिलेगी।  उन्होंने प्रासंगिक लिंक पर क्लिक किया और अपनी पत्नी के नाम में फॉर्म भरा।  दो दिन बाद उनके पास डीके शर्मा नाम के एक शख्स का फोन आया।  उन्होंने कहा कि आप एलपीजी वितरक चयन से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने शिकायतकर्ता को एजेंसी देने के लिए चुना।  उन्होंने कहा कि अभियुक्त एजेंसी के लिए विभिन्न शुल्क और 30 लाख रुपये के सरकारी अनुदान का भुगतान करना चाहते थे।  शिकायतकर्ता ने अनापत्ति प्रमाण पत्र, प्रोसेसिंग शुल्क के लिए 3 लाख 66 हजार रुपये का भुगतान किया।  शिकायतकर्ता को तब एक पुष्टि पत्र मिला।  वह इसे सत्यापित करने के लिए वेबसाइट पर दिए गए पते पर गया और पाया कि यह फर्जी था।

बाद में वेबसाइट (Website)  को फर्जी पाया गया।  उन्होंने अंततः पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।  साइबर पुलिस ने मामला दर्ज किया और पटना से रवि कुमार रविदास (36) और डॉली शर्मा (35) को गिरफ्तार किया।  मामले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल से दो अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है।  यह निष्कर्ष निकाला गया है कि अभियुक्तों ने वेबसाइट बनाने में मुख्य आरोपी की मदद की।  इस प्रकार आरोपी देश में कई लोगों को धोखा देते पाए गए हैं।

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