आरोप रद्द करने के लिए एकबोटे की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं

भीम-कोरेगांव हिंसा में आरोपी मिलिंद एकबोटे द्वारा दायर की गई याचिका को बुधवार को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।

आरोप रद्द करने के लिए एकबोटे की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं
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भीम-कोरेगांव हिंसा में आरोपी मिलिंद एकबोटे द्वारा दायर की गई याचिका को बुधवार को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। अदालत के एक खंडपीठ ने आदेश देते हुए एकबोटे की याचिका सुुनने से इनकार कर दिया। 31 दिसंबर को भिमा कोरेगांव में जो हिंसा हुई थी उसमें मिलिंद एकबोटे और संभाजी भि़ड़े का नाम मुख्य कथित आरोपी के तौर पर लिया जा रहा है।

मिलिंद एकबोटे के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, और दंगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसलिए, एकबोटे ने पुणे सत्र अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। लेकिन एकबोटे पर लगाए गए धाराओं को कोर्ट ने काफी संगीन माना और उसे अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया और इसके साथ ही उसकी याचिका भी खारीज कर दिया।

पुणे सत्र न्यायालय में जमानत की याचिका खारीज होने के बाद एकबोटे ने जमानत के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय में पहुंचे। इस मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को रखी गई है। तो वही दूसरी ओर एकबोट ने अपने उपर लगे आरोपो को खारीज करने की भी याचिका कोर्ट में दी थी, जिसपर सुनवाई करते वक्त न्यायमूर्ती भुषण गवई और न्यायमूर्ती बी. पी. कुलाबावाला ने इस याचिका को सुनने से नकार दिया। इसके साथ ही उन्हे दुसरे खंडपीठ के पास जाने का निर्देश दिया।

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