'डिलीवरीपहुंच गई,सैम्पल पसंद आया' कोड वर्ड से होती थी लड़कियों की सप्लाई


'डिलीवरीपहुंच गई,सैम्पल पसंद आया' कोड वर्ड से होती थी लड़कियों की सप्लाई
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मुंबई से सटे वसई में एक हाई प्रोफाईल सेक्स रैकेट का पर्दाफ़ाश हुआ है। यह सेक्स रैकेट एक हाईफाई सोसाईटी में चलाया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में 3 लड़कियों को जहां रेस्क्यू कराया तो वहीँ 3 महिलाओं को यह सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया। यह सेक्स रैकेट मोबाईल और वाट्सएप के जरिये चलाया जा रहा था। 

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजतिलक रोशन ने बताया कि मानिकपुर पुलिस और पालघर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग विभाग को जानकारी मिली कि वसई के साई नगर में महावीर कॉम्प्लेक्स सोसाईटी के फ्लैट नंबर 007 में कुछ लड़कियों से देह व्यापार का काम करवाया जाता है। मानिकपुर पुलिस ने इस जानकारी के आधार पर दबिश दी तो वहां पर पुलिस को तीन लड़कियां मिलीं जिन्हें वेश्यावृत्ति व्यवसाय के लिए लाया गया था। ख़ास बात यह थी कि इन तीनों लड़कियों में एक लड़की नाबालिग़ थी जिसकी उम्र महज 16 साल थी जबकी दूसरी लड़की 18 साल तो तीसरी लड़की 28 साल की थी।

राजतिलक रोशन ने बताया आगे बताया कि यह सेक्स रैकेट मोबाइल फ़ोन और वाट्स एप पर चलाया जा रहा था। रोशन के अनुसार पहले लड़कियों की खुबसूरत फोटो वाट्स एप पर भेजे जाते और कस्टमर उसे देखने के बाद जब राजी होता तब उसके बाद उसके रेट तय किए जाते थे। अतिरिक्त एसपी के अनुसार लड़कियों की उम्र जितनी कम होती रेट उतना ज्यादा तय होता था। 20 साल से कम उम्र की लड़की का रेट एक घंटे के लिए 5 से 10 हजार रूपए तक वसूले जाते थे, जबकी 20 से 30 साल की उम्र की लडकियों का रेट 3 से 5 हजार रूपये था। तो वहीँ 30 साल के ऊपर महिला की कीमत 2 से 3 हजार रुपये तय की गई थी।

यही नहीं लड़कियों के फ्लैट में पहूंचने पर उनके लिए 'डिलीवरी पहुंच गयी है' और भेजना को 'पार्सल कर दिया है' , लड़की पसंद आने पर 'सैम्पल पसंद आया' है जैसे कोड वर्ड का भी इस्तेमाल होता था। गिरफ्तार तीन महिला में से एक महिला के फ्लैट में ही यह सब काम होता था। लड़कियों का रेट यहाँ भी तय होता था। लड़की के साथ फ्लैट में समय गुजारने का 10 हजर रुपया तो पूरी रात के लिए बाहर ले जाने पर 20 से 50 हजार रूपये ग्राहकों से लिए जाते थे। फ्लैट की मालकिन इस इस पूरे रैकेट की मास्टर माइंड थी। दूसरी औरत ग्राहक खोजने का काम करती थी, जबकि तीसरी औरत जिसकी खुद की एक नाबालिक लड़की थी उसे भी इस धंधे में उतारा गया था। पुलिस ने उसे भी रेस्क्यू कराया। इन तीनों महिलाओं ने अपना वाट्सएप ग्रुप बना रखा था लेकिन कस्टमर से ये तीनों फोन और अलग वाट्सएप ग्रुप के जरिये बात करते थे।


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