सात समुदर पार दुबई (dubai) में खेली जा रही आईपीएल (IPL 13) स्पर्धा के लिए महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में सट्टेबाजी की जाए, यह तो महाराष्ट्र को कलंकित किए जाने वाली घटना मानी जाएगी। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गोंदिया जिले के ग्रामीण इलाके से आईपीएल स्पर्धा के लिए सट्टेबाजी की बात अगर सामने आयी है तो इस बात का भी पता लगाया जाना जरूरी हो गया है कि क्रिकेट (cricket) की दुनिया में जारी यह कालाबाजारी कब से हो रही है। इसके पीछे कौन-कौन हैं, यह सब किसकी देखरेख में चल रहा है। क्रिकेट के साथ मैच फिक्सिंग (match fixing in cricket) सट्टेबाजी जैसे शब्द क्रिकेट के पीछे की खेल भावना को समाप्त कर रहे हैं। आईपीएल और सट्टा के काले कारोबार के प्रचार को रोकने के लिए सार्थक प्रयत्न नहीं किए गए, इसी का नतीजा है कि क्रिकेट खेल में सट्टेबाजी (betting in cricket) मैच फिक्सिंग जैसे शब्द लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं।
गोंदिया (gondia) जिले में आईपीएल स्पर्धा पर सट्टा लगने तथा जुआं खेलने की बात सामने आई थी। क्रिकेट में सट्टेबाजी करने वालो पर कार्रवाई के बावजूद क्रिकेट को लेकर जारी सट्टेबाजी का काला कारोबार कम नहीं हो रहा। पुलिस की विशेष कृपा क कारण गोंदिया जिले का ग्रामीण क्षेत्र धीरे-धीरे सट्टेबाजों क अड्डे के रूप में ख्यात होता जा रहा है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित महाराष्ट्र का गोंदिया जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में बुकी के अड्डे हैं। बुकी के इन अड्डों के माध्यम से आईपीएल मैचों के लिए सट्टेबाजी की जाती है। सट्टेबाजी के इन अड्डों पर सट्टेबाजी का कामकाज बड़ी इमानदारी के साथ किया जाता है. सट्टेबाजी के इस काले कारनामे में शामिल व्यक्ति जो सट्टा लगना चाहता है, वह अपनी धनराशि फोन के जरिए बताता है। इसके बाद सट्टा की धनराशि बताने वाला व्यक्ति दूसरे दिन तय स्थान पर जाकर बुकी को उक्त धनराशि देता है।
मैच शुरु होते ही सट्टा लगाने वाला लगातार यह ध्यान रखता है कि उसने जिस तरह की शर्त पर सट्टा लगाया था, मैच भी उसी तरफ बढ़ रहा है तो सट्टे में लगायी गई धनराशि से कई गुना धनराशि सट्टा लगाने वाले व्यक्ति को बुकी की तरफ से मिलते हैं. जिस तरह से फिल्मी दुनिया में ड्रग्स का कालाकारोबार कोड वर्ड के जरिए चलता है, उसी तरह किक्रेट की दुनिया की सट्टेबाजी की काला दुनिया फलफूल रही है। बुकी की भाषा सामान्य भाषा नहीं होती, ऐसे में जो लोग इस काली दुनिया से जुड़े लोग हैं, उन्हें इस कोड वर्ड के बारे में पूरी-पूरी जानकारी रहती है। अगर लंबी तारी नामक कोड वर्ड का इस्तेमाल करके सट्टा लगाया गया तो इसका आशय यह होता है कि सट्टा पूरे मैच के लिए लगाया गया है, इसके लिए न्यूनतम राशि 100 रूपए होती है, ज्यादा से ज्यादा कितनी राशि लगानी है, यह तो सट्टा लगाने वाला तय करता है।सट्टे में जिस भी टीम के विजयी होने की शर्त रखी जाती है, अगर वह जीत जाती है तो सट्टा लगाने वाले को 200 रूपए मिलते हैं, यानि कि जिस धनराशि पर सट्टा लगाया जाता है, उससे दूनी धनराशि मिलती है, जिस तरह जुआं खेला जाता है, उसी तरह सट्टा खेला जा रहा है।
सट्टा अलग-अलग तरीके तथा नियमों-शर्तो के आधार पर लगाया जाता है। कुछ लोग पहले ओवर तो कुछ लोग आखिरी ओवर के लिए सट्टा लगाते हैं। कुछ सट्टेबाज बल्लेबाजों पर तो कुछ गेंदबाजों पर सट्टा लगाते हैं। रन, विकेट, जीत, हार, शतक, शून्य इन सभी पर अलग-अलग धनराशि का सट्टा लगता है। जिस स्तर का खिलाड़ी, उसी स्तर की धनराशि सट्टे पर लगायी जाती है। टीम की स्थिति तथा उसका प्रदर्शन, खिलाड़ियों का फार्म सब कुछ इस सट्टेबाजी के आधार बनते हैं। आखिर के पांच ओवर के लिए अलग से सट्टा लगता है। गोंदिया जिले के जो लोग क्रिकेट की इस सट्टेबाजी में लगे हैं, वे इस काली दुनिया में इस कदर लिप्त हो गए हैं। जरूरत पड़ने पर वे अपने घर का कीमती सामान बेंचकर सट्टे के लिए तय की गई धनराशि बुकी के पास जमा कराने से भी नहीं चूक रहे हैं।
कई परिवारों में तो यह भी देखने तो मिल रहा है कि उस गोंदिया से होने वाली इस सट्टेबाजी के तार महराष्ट्र की राजधानी मुंबई से लेकर राज्य के अन्य छोटे-बड़े जिलों के शहरी तथा ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों से जुड़े हैं।
क्रिकेट माझा-11 नामक ऐप से जुआ खेलने वाले चार लोगों के खिलाफ गोंदिया शहर पुलिस ने मामले दर्ज किया है और उनके पास से 4 लाख, 3 हजार, 690 रूपए जप्त किए। गोंदिया के मछली मार्केट में एक बंद कमरे में दुबई में चल रहे आईपीएल मैच के लिए सट्टा लगाया जा रहा है, ऐसी जानकारी मिलते ही पुलिस ने वहां छापामार कर चार युवकों को धरदबोचा। ये चारों युवक ऑनलाइन सट्टेबाजी करते हुए पकड़े गए। पुलिस ने सुजल चव्हाण, सारंग चव्हाण, मयंक गुप्ता तथा किशन सिंह चव्हाण को ऑनलाइन सट्टेबाजी करते हुए घरदबोचा। गोंदिया के शास्त्री वार्ड के योगेश उर्फ मामा बंसोड के घर पर आईपीएल टी-20 के मुकाबले के लिए ऑनलाइन सट्टे की जानकारी मिलते ही पुलिस ने वहां छापा मारा, उस वक्त मामा बंसोड अपने घर के हाल में बैठकर ऑनलाइन किक्रेट सट्टा खेलते हुए दिखायी दिए। कहा जा रहा है कि सरकार तथा पुलिस दोनों निष्क्रियता के कारण गोदिया मे ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा मिला है। इस पर कब नियंत्रण पाया जाएगा, इस पर कुछ भी कह पाना संभव नहीं है।
(नोट : यह लेखक के अपने विचार हैं, इसका मुंबई लाइव से कुछ भी संबंध नहीं है।)