डॉ. पायल सुसाइड केस: आरोपियों ने कहा- हो जांच, पुलिस और मीडिया बना रही दबाव

इस मामले की जांच अब सहायक पुलिस कमिश्नर के स्तर वाले अधिकारी को सौंप दिया गया है। यही नहीं डॉ. पायल को इंसाफ दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर #JusticeForDrPayal नामकी मुहीम शुरू की गयी है।

डॉ. पायल सुसाइड केस: आरोपियों ने कहा- हो जांच, पुलिस और मीडिया बना रही दबाव
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बीवाइएल नायर अस्पताल की डॉ. पायल तडवी सुसाइड मामले में पुलिस ने फरार चल रहीं तीनों आरोपी महिला डॉक्टरों हेमा अहुजा, भक्ती मेहार, अंकिता खंडेलवाल को नोटिस भेज हाजिर होने को कहा है। इस मामले की जांच अब सहायक पुलिस कमिश्नर के स्तर वाले अधिकारी को सौंप दिया गया है। यही नहीं डॉ. पायल को इंसाफ दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर #JusticeForDrPayal नामकी मुहीम शुरू की गयी है।

पढ़ें: रैगिंग से परेशान होकर महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या

वाट्सऐप ग्रुप से हुआ खुलासा
मूल रूप से जलगांव की रहने वाली और आदिवासी जाति की डॉ. पायल तडवी रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में नायर अस्पताल में  सेकंड इयर पोस्ट ग्रेजुएशन की छात्रा थी। उसके मोबाइल से पुलिस को पता चला कि वह वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताडऩा से तंग थी साथ ही उसके सीनियर्स डॉक्टर उस पर जातिगत टिप्पणी कर अक्सर उसे परेशान करते थे। यही नहीं यह बात भी सामने आई कि, महिला डॉक्टरों का एक वाट्सऐप ग्रुप था, जिसका नाम 'रिमाइंडर' था। इसी वाट्सऐप ग्रुप में पायल के खिलाफ आपत्तिजनक बातें मैसेज किये जाते थे। इन मैसेजों का स्क्रीन शॉट पायल ने कई बार अपनी मां के पास भी भेजा था साथ ही पायल ने वरिष्ठ डॉक्टरों से इस बारे में शिकायत भी की थी। इसके बावजूद इस तरह कुछ ध्यान नहीं दिया गया।

अब महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर (मार्ड) की तरफ से आरोपी डॉक्टर हेमा, आहूजा, डॉ.भक्ति महिरे और डॉ. अंकिता खंडेलवाल की सदस्यता निरस्त कर दी है। साथ ही राज्य महिला आयोग ने नायर के डीन को नोटिस भेज 10 जून तक इस मामले में जवाब माँगा है।

आरोपियों ने रखा अपना पक्ष 

यही नहीं तीनों आरोपी रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन को पत्र के माध्यम से कहा है कि 'हम चाहते हैं कॉलेज इस मामले में निष्पक्ष जांच करें, हमारे पक्ष को सुने बिना ही पुलिस बल और मीडिया द्वारा दबाव बनाया जा रहा है।'

रैगिंग समिति का गठन

बताया जाता है कि पायल की आत्महत्या के बाद भी तीनों आरोपी महिला डॉक्टर मुंबई से बाहर भाग गये हैं। सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल प्रशासन ने डॉ. पायल की आत्महत्या मामले की जांच के लिए एंटी रैगिंग समिति का भी गठन किया गया है। इस मामले में समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट के आधार पर ही उचित कार्रवाई की जाएगी।

पढ़ें: रैगिंग को लेकर राज्य में कानून की समीक्षा

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