बांग्लादेशियों को फर्जी तरीके से भारत की नागरिकता दिलाने वाले रैकेट का पर्दाफाश, 2 एजेंट गिरफ्तार

यह रैकेट फर्जी सरकारी दस्तावेजों का उपयोग करके आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड और वोटिंग कार्ड तक बनाते थे। और कुछ पैसे लेकर कुछ दिनों में ही इन बांग्लादेशियों को भारत की नागरिकता से संबंधित सभी जरूरी कागज दे देता था।

बांग्लादेशियों को फर्जी तरीके से भारत की नागरिकता दिलाने वाले रैकेट का पर्दाफाश, 2 एजेंट गिरफ्तार
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पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो बांग्लादेशियों को फर्जी कागजात बना कर उन्हें भारत की नागरिकता दिलाता था। इस रैकेट के एजेंट बांग्लादेशी घुसपैठिए के लिए आवश्यक दस्तावेजों को पूरा करने के लिए राज्य के एक विधायक के लेटरहेड का उपयोग करते थे।  इस मामले में, पुलिस ने 2 एजेंटों को गिरफ्तार किया है।

मुंबई पुलिस को इस बात की खबर मिली थी कि, कुछ लोग मुंबई से नासिक, पुणे, नागपुर सहित भारत के कई महत्वपूर्ण शहरों में बांग्लादेशियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए नकली सरकारी दस्तावेजों को बनाने का काम करते हैं। साथ ही उन्हें इस बात की भी खबर लगी कि विधायकों के लेटरहेड का इस्तेमाल सरकारी दस्तावेजों को भी बनाने के लिए किया जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने सूचना के आधार पर साकीनाका से 2 एजेंटों को गिरफ्तार किया।

इनके पास से पुलिस ने पुलिस ने 155 आधार कार्ड, 34 पासपोर्ट, 28 पेन कार्ड, 8 राशन कार्ड, वोटिंग कार्ड, 187 बैंक और पोस्ट पासबुक, 19 रबर स्टैम्प और 29 लिविंग सर्टिफिकेट जब्त किए हैं। ये सभी दस्तावेज नकली हैं। और इन सभी दस्तावेजों का उपयोग बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत की नागरिकता दिलाने के लिए किया जाता था।

यही नहीं इनके पास से एक विधायक के नाम वाला 7 लेटरहेड भी मिला है। जिसके आधार पर ये लोग बैंक में खाता खोलना, राशन कार्ड बनाने और पोस्ट ऑफिस में भी खाता खुलवाने का काम करते थे।

यह रैकेट फर्जी सरकारी दस्तावेजों का उपयोग करके आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड और वोटिंग कार्ड तक बनाते थे। और कुछ पैसे लेकर कुछ दिनों में ही इन बांग्लादेशियों को भारत की नागरिकता से संबंधित सभी जरूरी कागज दे देता था।

एजंटों ने पुलिस को बताया कि, मुंबई से लेकर नासिक, पुणे, नागपुर और भारत के सभी बड़े शहरों में बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए फर्जी सरकारी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाता है।

अब पुलिस इसबात की जांच कर रही है कि, इस रैकेट के तार कहां कहां जुड़े हैं। साथ ही इसके पीछे किसी आतंकी संगठन के होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं, जो न केवल बांग्लादेशियों को बल्कि उन देशों के नागरिकों को भी अनुदान देता है जो भारत पर आतंकवादी हमले करते हैं। इसलिए पुलिस के सामने इस रैकेट की तह तक जाना एक बड़ी चुनोती साबित हो सकती है।

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