मुंबई पुलिस का दावा, रिपब्लिक टीवी ने पैसे देकर खरीदा TRP


मुंबई पुलिस का दावा, रिपब्लिक टीवी ने पैसे देकर खरीदा TRP
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मुंबई पुलिस (mumbai police) ने एक दिन पहले ही खुलासा किया था कि, सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस (sushant singh suicide case) में पुलिस को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया में फर्जी तरीके से के 80 हजार फेक एकाउंट बनाये गए थे। साथ ही कुछ मीडिया हाउसेस भी TRP के चक्कर में झूठी खबरें फैला रहे थे। अब गुरुवार को एक बार फिर मुंबई पुलिस (mumbai police) ने एक चौकानें वाला दावा किया है।

मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (mumbai police commissioner paramveer singh) ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, पुलिस ने फर्जी टीआरपी (false TRP) रैकेट को पकड़ा है। इसमें रिपब्लिक टीवी (Republic TV) समेत 3 टीवी चैनलों ने टीआरपी के लिए फर्जी तरीका अपनाया है। इनमें से तो 2 चैनलों के मालिकों को गिरफ्तार भी किया गया है।

कमिश्नर परमबीर सिंह (paramveer singh) ने बताया कि पैसे देकर लोगों को घर में रिपब्लिक टीवी (republic tv) चलाकर रखने को कहा जाता था। 

सिंह ने कहा कि पुलिस के खिलाफ चैनलों पर प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा था। फॉल्स टीआरपी (false trp) का रैकेट चल रहा था।

उन्होंने कहा, टीवी इंडस्ट्री में करीब 30 से 40 हजार करोड़ रुपये के विज्ञापन आते हैं, और TRP को देखते हुए ही विज्ञापन के रेट तय किए जाते हैं। और BARC नामकी संस्था इसकी मॉनिटरिंग करती है।

उन्होंने आगे कहा, जांच के दौरान पता चला कि झूठी TRP के लिए हंसा नामकी एक कंपनी के कुछ पूर्व कर्मचारी डेटा के साथ कंप्रोमाइज कर रहे थे, और इसे कुछ टीवी चैनलों के साथ शेयर कर रहे थे और फिर इसके बाद जिन घरों से यह डेटा आता था, उन्हें पैसा देकर मैनुपलेट किया जाता था।

ये लोग कुछ घरों में कुछ चैनलों को चालू करने के लिए कहते थे भले ही वे घर पर न हों। कई अशिक्षित घरों में अंग्रेजी टीवी चैनल देखने के लिए कहा जाता था, और इसके लिए परिवार वालों को पैसे भी दिए जाते थे।

उन्होंने कहा कि टीआरपी के लिए 2 हजार घरों को गोपनीय तरीके से शामिल किया गया, और प्रत्येक घर को चेनल देखने के लिए 400 से लेकर 500 रुपये दिए जाते थे। कमिश्नर ने कहा कि हमने इस सूचना को भारत सरकार और प्रसारण एवं सूचना मंत्रालय के साथ भी साझा किया है।

पुलिस के मुताबिक, इस मामले में अब तक 3 चैनलों के बारे में जानकारी मिली है, जिसमें 2 स्थानीय चैनल हैं जबकि तीसरा चैनल रिपब्लिक टीवी है।

कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा कि इस हेरफेर में रिपब्लिक टीवी के प्रोमोटर्स भी शामिल हो सकते हैं। चैनलों को समन भेजा जाएगा और जांच में शामिल होने को कहा जाएगा।

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