गोविंद पानसरे हत्याकांड की जांच एटीएस को सौंपने में कोई आपत्ति नहीं

न्यायालय में राज्य सरकार की भूमिका

गोविंद पानसरे हत्याकांड की जांच एटीएस को सौंपने में कोई आपत्ति नहीं
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सोमवार को महाराष्ट्र अपराध जांच विभाग ने उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा कि कॉमरेड गोविंद पानसरे ( Govind Pansare) की हत्या के मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस को स्थानांतरित करने में कोई आपत्ति नहीं है। एसआईटी के पूरे ढांचे को बदलने से क्या मकसद पूरा होगा? अंत में, उच्च न्यायालय ने कहा कि मामले की जड़ तक जाने का आपका भी इरादा होना चाहिए। 

नए सिरे से शुरु करनी होगी जांच

साथ ही अगर मामला एटीएस को ट्रांसफर किया जाता है तो इतने साल बाद भी उन्हें नए सिरे से जांच शुरू करनी होगी। तो क्या कोई SIT अधिकारी ATS में शामिल हो सकता है? ताकि जांच में काफी समय की बचत हो सके। राज्य सरकार को इस संबंध में निर्देश लेने का निर्देश देते हुए सुनवाई 3 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

अनीस के संस्थापक डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और 16 फरवरी, 2015 को कोल्हापुर में कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कॉमरेड गोविंद पानसरे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कोल्हापुर में मामले की जांच के लिए सरकार द्वारा एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था।

हालांकि इतने साल जांच के बाद भी एसआईटी को कुछ नहीं मिला इसलिए एसआईटी की जांच से असंतुष्ट पानसरे परिवार ने बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। याचिका के माध्यम से उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच किसी अन्य जांच संस्था को सौंपी जाए और जांच कोर्ट की निगरानी में कराई जाए।

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