लोगों को घर दिलाने के नाम पर ठगी करनेवाले म्हाडा के एक अधिकारी को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया। इस म्हाडा अधिकारी का नाम युवराज पाटील सावंत बताया जा रहा है। म्हाडा ने साल 2009 में घरों के लिए लॉटरी निकाली थी। युवराज सावंत पाटील और उसके साथी विद्याधर उर्फ बबन पाल, सुनीता तुपसौंदर्य, रमेश चव्हाण ने कई लोगों को इस बात का झूठा आश्वासन दिया की वह लोगों को बिना लॉटरी निकले भी घर दिला सकते है।
27 नवंबर 2014 को पुलिस शिकायत दर्ज
युवराज सावंत पाटील और उसके साथियों ने इस तरह के झूठे आश्वासन देकर कई लोगों से पैसे लिये। योगेश अहिर नाम के एक शिकायतकर्ता को भी इन सभी लोगों ने मिलकतर फंसाय़ा। लेकिन जब समय बितने के बाद भी योगेश सहीत कई और लोगों को घर नहीं मिला तो 27 नवंबर 2014 को पुलिस ने इसकी शिकायत दर्ज करा दी गई। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी किया लेकिन उन्हो कोर्ट से जमानत मिल गई।
हालांकी युवराज सावंत पाटील इसके बाद भी फरार चल रहा था, योगेश अहिर ने बॉम्बे हाईकोर्ट में इसे लेकर एक रिट दाखिल की। जिसके बाद पुलिस ने लगभग 4 साल ते बाद म्हाडा के इस अधिकारी को तिलक नगर से गिरफ्तार किया।
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