पुलिस ने एक लैब चालक को गिरफ्तार किया है जिसने कोरोना को एक फर्जी (Fake report) रिपोर्ट दी थी। लैब चालक बिना किसी स्वाब के कोरोना की नकारात्मक रिपोर्ट (Corona negetive report) 2,000 रुपये में दे रहा था।
अपराध नियंत्रण कक्ष को सूचना मिली थी कि कालचौकी में स्वामी पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं में कोरोना की एक नकारात्मक रिपोर्ट की जा रही है। तदनुसार, निरीक्षक नितिन पाटिल के मार्गदर्शन में टीम ने प्रयोगशाला में छापा मारा। इस समय, यह पाया गया कि प्रयोगशाला में एक कंप्यूटर पर कोरोना रिपोर्ट तैयार की जा रही थी। जब उन नागरिकों के स्वैब के बारे में पूछा गया, जिनकी रिपोर्ट तैयार की गई, तो यह पाया गया कि कोई स्वैब नहीं लिया गया था। पुलिस ने मामले में लैब ड्राइवर विद्याधर अंबोनकर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने लैब से मोबाइल, कंप्यूटर, प्रिंटर, नकली कोरोना रिपोर्ट और अन्य सामग्री जब्त की है। यह पता चला है कि यहां से प्रतिदिन 8 से 10 रिपोर्ट दी जा रही हैं। यह प्रकार एक महीने से अधिक समय से चल रहा है। अब तक आरोपियों के पास से 300 से 400 नकली कोरोना रिपोर्ट होने की सूचना है।
पुलिस उस व्यक्ति की तलाश कर रही है जिसने स्वामी पैथोलॉजी लैब से कोरोना की नकारात्मक रिपोर्ट ली थी। ऐसा कहा जाता है कि निजी कार्यालय में काम या यात्रा के लिए ऐसी रिपोर्ट लेने वालों की संख्या अधिक होती है।
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