राज्य में जेलों में कैदियों की संख्या हर दूसरे दिन बढ़ती जा रही है। राज्य में जेल की क्षमता से 134 प्रतिशत अधिक कैदी मौजूद है। जेलो की हालत ऐसी है की अब ज्यादा कैदियों को इन जेल में रखना मुश्किल होता जा रहा है। कई जेलो में उनकी क्षमता के दोगुने कैदियों को रखा जा रहा है। अब प्रशासन के सामने सवाल खड़ा होगया है की आखिर कैदियों को जेल में रखने की क्षमता कब बढ़ेगी।
राज्य में 9 केंद्रीय और 51 वर्ग 1, 2, 3 जिला जेल हैं। इसमें 19 खुली जेल, 2 महिला जेल, 1 खुली कॉलोनी, 1 किशोर सुधार गृह और जेल अस्पताल शामिल हैं। कुल जेलों के कैदियों को रखने की क्षमता अब खत्म हो गई है। इन जेलों में 31 मार्च तक कैदियों की आधिकारिक क्षमता 24 हजार 32 है। तो वही इन जेलो में 35,744 कैदियों को रखा जा रहा है। इसमें 34 हजार 162 पुरुष कैदी और 1,582 महिला कैदी शामिल हैं।
जेल की संख्या कम होने के कारण कई कैदियों को उन्ही जेलो में रखा जा रहा है और इसके साथ ही सुविधाओं का भी अभाव देखा जा रहा है। सुविधाओं की कमी के कारण कैदियों में कई तरह की बीमारियां भी होने लगी है। मुंबई की आर्थर रोड जेल की क्षमता 804 है। हालांकि, इसमें 3,311 कैदियों को रखा गया है। यरवडा की क्षमता 2,449 है और 5,452 कैदी हैं। ठाणे सेंट्रल जेल की क्षमता 1,105 कैदियों की है लेकिन वर्तमान में 3,1 99 कैदियों को रखा गया है। औरंगाबाद में 579 कैदियों की क्षमता है लेकिन वहां भी 1,164 कैदियों को रखा गया है। नागपुर में सेंट्रल जेल में कैदियों की अधिकतम क्षमता 1840 की है जबकी यहां भी 2,277 कैदियों को रखा गया है।
अमरावती सेंट्रल जेल में कैदियों की क्षमता 973 है जबकी यहां भी 1131 कैदियों को रखा गया है।