विकलांगो के डब्बे में सफर करना आरपीएफ अधिकारी को पड़ा भारी


विकलांगो के डब्बे में सफर करना आरपीएफ अधिकारी को पड़ा भारी
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आरपीएफ के एक अधिकारी को लोकल के विकलांग डब्बे में चढ़ना इतना महंगा पड़ा कि उसपर केस दर्ज हो गया है, इन्हें 2 साल तक कि जेल हो सकती है या फिर 1 लाख तक का जुर्माना।

कुर्ला जीआरपी ने एक विकलांग शख्स की शिकायत पर आरपीएफ के एक अधिकारी पर विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत धारा 91, 95, के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 1 अगस्त को मुलुंड से घाटकोपर जाने वाली लोकल ट्रेन के विकलांग बोगी में सफर कर रहे विकलांग यात्री ने प्रधानमंत्री, रेल मंत्री को ट्वीट कर ये शिकायत की की रेलवे के एक अधिकारी विजय साल्वे विकलांग बोगी में सफर कर रहे है, शिकायतकर्ता ने उस अधिकारी के साथ एक सेल्फी लेकर शिकायत कर दिया।

शिकायतकर्ता सागर बोरनारे जो कि CBI में कार्यरत हैं उनके मुताबिक हद तो तब हो गई जब इन्होंने आरपीएफ के कंट्रोल में इसकी शिकायत की तो घाटकोपर आरपीएफ ने डब्बे में सफर कर रहे दूसरे यात्री पर तो कार्रवाई की लेकिन आरपीएफ के इस अधिकारी को छोड़ दिया अब ट्वीट के बाद आखिरकार रेलवे के इस अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
अपने आप मे महाराष्ट्र में ये पहला मामला है जो इस नए कानून के तहत दर्ज हुआ है, जल्द ही कुर्ला जीआरपी आरोपी आरपीएफ के इस अधिकारी को गिरफ्तार कर सकती है, यात्रिओ से भी मुम्बई लाइव एक ज़िम्मेदार चैंनल होने के नाते आह्वान करता है कि लोकल ट्रेन का विकलांग डब्बा विकलांगो के लिए ही रहने दे उसमे सफर न करे अगर ऐसा किया तो दो साल के लिए जेल जाना पड़ सकता है या फिर 1 लाख का जुर्माना।

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