फर्जी टीकाकरण केस में हो रहे हैं चौकानें वाले खुलासे, टीका की जगह लगाया खारा पानी

नगर पालिका द्वारा शिवम अस्पताल को दिए गए कुल वैक्सीन में से 17,100 लोगों को टीकाकरण की आवश्यकता थी। लेकिन जांच से पता चलता है कि 784 अतिरिक्त लोगों को टीका लगाया गया है।

फर्जी टीकाकरण केस में हो रहे हैं चौकानें वाले खुलासे, टीका की जगह लगाया खारा पानी
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कोरोना वायरस (corona virus) को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण (vaccination) को एक प्रभावी तरीका माना जाता है, और टीकाकरण अभियान को देेश भर में शुुरु किया गया है। हालांकि मुंबई से फ़र्जी टीकाकरण  (fake vaccination in Mumbai) के भी मामले सामने आए हैं। कांदिवली के हीरानंदानी सोसायटी में हुए फर्जी टीकाकरण मामले में हर दिन नए नए खुलासे हो रहे हैं।

मुंबई पुलिस (mumbai police) के अधिकारी विश्वास नांगरे-पाटिल (संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून और व्यवस्था) ने गुरुवार को इस बात का खुलासा किया कि कांदिवली में हीरानंदानी हेरिटेज सोसाइटी में फर्जी टीकाकरण के बाद खोले गए 10 शिविरों में टीका के नाम पर केवल खारा पानी दिया गया था। हालांकि पुलिस ने अभी तक 784 टीकों की गिनती नहीं की है और जांच की जा रही है।

बताया जा रहा है कि, शिवम अस्पताल की तरफ से कुल एक लाख वैक्सीन की मांग की गई थी। लेकिन इसके लिए उन्हें कुल 5 करोड़ रुपये जमा करने थे। इसके लिए उन्होंने वैक्सीन की जगह खारे पानी को भर कर सुई लगाया और उनसे पैसे ऐठें। इसलिए पुलिस ने शिवम अस्पताल को सील करने  संबंधी आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

अब तक मुंबई में 9 और ठाणे (thane) में 10 फर्जी टीकाकरण के मामले सामने आए हैं। इस बीच, नगर पालिका द्वारा शिवम अस्पताल को दिए गए कुल वैक्सीन में से 17,100 लोगों को टीकाकरण की आवश्यकता थी। लेकिन जांच से पता चलता है कि 784 अतिरिक्त लोगों को टीका लगाया गया है। अब इस बात की जांच चल रही है कि ये टीके वास्तव में कहां से आए थे? मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 4 दिनों में 3 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें इस ठगी का मुख्य सूत्रधार मनीष त्रिपाठी, कैंप का काम संभालने वाला कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के कर्मचारी राजेश पांडेय सहित शिवम अस्पताल केे केे कर्मचारी भी शामिल हैं।

इस मामले में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 10 कैंपों में 2,686 लोगों को टीका लगाया गया है। टीकाकरण करने वाले अस्पताल के कर्मचारियों को गवाह बनाया गया है और वैक्सीन ले जाने वाले छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक महेंद्र सिंह गुड़िया यादव को प्रमाण पत्र तैयार करने के लिए नाम और जानकारी देना चाहता था।  एक हीरा कंपनी के 1,040 लोगों को नकली वैक्सीन देने के मामले में एमआईडीसी थाने में मामला दर्ज किया गया है।वहां के लोगों को भी इस तरह से टीका लगाया गया। इस संबंध में अंबोली पुलिस ने भी मामला दर्ज किया है। जबकि डॉ. त्रिपाठी के हस्ताक्षर के 9 प्रमाण पत्र को पुलिस ने जब्त किए हैं।

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