श्रद्धा वालकर हत्याकांड- लिव-इन-रिलेशनशिप को लेकर हाउसिंग सोसाइटी के स्तर पर नियमों को लागू करने की मांग

आत्मसम्मान मंच की ओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र

श्रद्धा वालकर हत्याकांड- लिव-इन-रिलेशनशिप को लेकर हाउसिंग सोसाइटी के स्तर पर नियमों को लागू करने  की मांग
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दिल्ली में हुए श्रद्धा वालकर हत्याकांड को लेकर अब लोगों मे आक्रोश और भी तेज होता जा रहा है।  लोग आरोपी को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग कर रहे है। इस हत्य़ाकांड में एक बात ये भी सामने निकलकर आई की श्रद्धा वालकर और आरोपी आफताब दोनो लिव-इन-रिलेशनशिप मे रहते थे।  इस हत्याकांड के बाद अब लिव-इन-रिलेशनशिप में भी और कड़े सुधार करने की मांग हो रही है।  लिव-इन-रिलेशनशिप को लेकर हाउसिंग सोसाइटी के स्तर पर नियमों को लागू करने  की मांग की जा रही है। 

आत्मसम्मान मंच की ओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र

आत्मसम्मान मंच की ओर से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस बाबत एक पत्र भी लिखा गया है।  इस पत्र में मांग की गई है की -  लिव-इन-रिलेशनशिप को लेकर हाउसिंग सोसाइटी के स्तर पर नियमों को लागू किया जाए जिससे  दोबारा से देश के किसी बेटी का हश्र वसई की श्रद्धा वालकर की तरह न हो!

क्या लिखा है पत्र मे

आत्मसम्मान मंच की ओर से मुख्यमंत्री को लिखे गए इस पत्र में लिखा है की 'वर्तमान सामाजिक परिवेश में आज का युवा अपने परिवार से दूर जा रहा है। कभी शिक्षा, कभी रोजगार तो कभी अन्य कारणों से भी आज की युवा पीढ़ी अपने माता पिता के सानिध्य से दूर हो रही है। और ऐसे में कुसंगति के कारण युवा पीढ़ी में गलत निर्णय लेने के साथ ही हिंसा की प्रवृति भी बढ़ी है,  श्रद्धा वालकर के साथ हुई घटना को आधार बनाकर महाराष्ट्र में हाउसिंग सोसाइटीज में कुछ ऐसे नियम लाएं जाएं जिससे महिला उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की वारदातों को रोका जा सके।

यदि हाउसिंग सोसाइटी के लिए ये अनिवार्य कर दिया जाए कि लिव -इन - रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों का, उनके किसी पारिवारिक सदस्य (blood relation)और उनके किसी मित्र या परिचित (non-blood relation) की जानकारी अगर नजदीक के पुलिस थाने में जमा करा दी जाए, तो ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है'

जोड़े की निजता को भंग न करे

संस्था के अध्यक्ष नित्यानंद शर्मा का कहना है की  "इन कदमो के साथ साथ प्रशासन को  ये भी सुनिश्चित करना होगा कि ये प्रक्रिया उस जोड़े की निजता को भंग न करे। और सभी संवैधानिक मूलभूत अधिकारों का हनन किए बिना हमारे सुझाव पर विचार किया जाए, अगर ये होता है तो कानून के भय से ऐसे जोड़े कभी कोई गलत कदम नहीं उठाएंगे और वसई जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। 

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