रेलवे में नौकरी देने के नाम पर मुंबई सहित अन्य राज्यों में भी सैकड़ों बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन तीनों आरोपियों के नाम राजेश कुमार, मनीष सिंह और सीमा पवार है. अब ये तीनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं।
क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक ऐरोली इलाके में रहने वाले सखाराम लांडगे एक बेरोजगार युवक हैं, नौकरी के लिए लांडगे ने रेलवे में फॉर्म भरा था।
उस समय इसकी पहचान चार लोगों राजेश कुमार, मनिष सिंह, संजीव और सीमा पवार से हुई।
इन चारों लोगों ने लांडगे को रेलवे में टिकट कलेक्टर कि पोस्ट पर नौकरी देने का आश्वासन दिया।
यही नहीं लांडगे ने यह बात अपने अन्य दोस्तों को भी बताई तो सभी ने नौकरी ले लालच में आरोपियों को पैसे दिए।
मतलब कुल 18 लोगों ने 70 लाख रूपये जमा करके इन लोगों को RTGS के द्वारा दिया।
इन चारों लोगों ने पैसे लेने के बाद बेरोजगारों को कोई शक न हो इसीलिए सभी को फर्जी रेलवे का नियुक्ति पत्र, पोस्टिंग लेटर, पेमेंट स्लिप और पहचान पत्र भेजने लगे। यही नहीं इन आरोपियों ने रेलवे की एक फर्जी वेबसाईट भी बनवाई और उसमे सभी बेरोजगारों के नाम भी डलवा दिया ताकि बेरोजगारों को और भी विश्वास बना रहे।
मामले का खुलासा उस समय हुआ जब बेरोजगारों में से एक ने कुछ शंका समाधान के लिए सीएसटी आकर यहां के एक रेलवे अधिकारी से मिला और उससे बात की। बातों हुई बातों में युवक को यह भी पता चला कि रेलवे ने टिकट कलेक्टर पोस्ट के लिए नौकरी ही नहीं निकाली है। इसके बात तो उस युवक के पैरों तले जमीन ही खिसकी गयी।
उसने अपने अन्य साथियों को भी इस बात की जानकारी दी। जब सभी ने जांच की तो पता चला कि उन्हें इन आरोपियों द्वारा ठगा गया है। इसके बाद शिकायतकर्ता सखाराम लांडगे ने गोरेगांव पुलिस स्टेशन में इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने जब जांच शुरू की तो एक एक कर इस गिरोह की सारी कारगुजारियां सामने आने लगी। इसके बाद पुलिस ने राजेश कुमार और मनीष सिंह को यूपी के वाराणसी से तो सीमा पवार को अँधेरी से गिरफ्तार किया। यही नहीं एक आरोपी अभी भी फरार है। पुलिस को इस बात का भी पता चला कि ये लोग सिर्फ मुंबई में ही नहीं बल्कि भारत के अन्य राज्यों में भी कई बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर ठगी करते थे। अब पुलिस इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई कर रही है और फरार आरोपी की तलाश में जुट गयी है।