...और वाशिंग मशीन में छुपे आरोपी को पुलिस ने ढूंढ निकाला

आरोपी मनोज साल 2002 से ही फरार था।

...और वाशिंग मशीन में छुपे आरोपी को पुलिस ने ढूंढ निकाला
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धोखाधड़ी के मामले में वांछित आरोपी मनोज तिवारी को आजाद मैदान पुलिस ने आख़िरकार 15 साल बाद गिरफ्तार कर ही लिया। जब पुलिस मनोज तिवारी को पकड़ने के लिए उनके जुहू स्थित फ़्लैट में पहुंची तो पहले तो उनकी वकील पत्नी उन्हें घर में घुसने नहीं दे रहीं थी लेकिन जब पुलिस किसी तरह से घर में घुसी तो आरोपी मनोज पुलिस को बाथरूम में रखें वाशिंग मशीन के अंदर गंदे कपड़ों के ढेर में छुपा मिला। आरोपी मनोज साल 2002 से ही फरार था।


आरोपी मनोज तिवारी का फोटो

क्या था मामला?

पुलिस ने बताया कि 1999 में मनोज ने आजाद मैदान इलाके में खुद का व्यवसाय खोला था। वह लोगों को अपनी ऊंची पहुंच का होने का झांसा देता। उसके बातों में कुछ छात्र आ गए और उन्होंने बीएड में दाखिला दिलाने की बात मनोज से कही। मनोज ने दाखिले के नाम पर छात्रों से हजारों रूपये लिए लेकिन दाखिला किसी का भी नहीं कराया। कई दिन बीत जाने के बाद जब छात्रों ने मनोज से अपने पैसे की मांग की लेकिन मनोज पैसे देने में आनाकानी करने लगा। तंग आकर छात्रों ने आख़िरकार आजाद मैदान में मनोज तिवारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मनोज तिवारी को गिरफ्तार तो किया लेकिन मनोज की वकील पत्नी उषा ने उसे छुड़ा लिया। तब से मनोज कोर्ट के आदेश के बाद भी एक भी पेशी पर पेश नहीं हुआ था। उसी मामले में पुलिस मनोज की तलाश कर रही थी।

पुलिस ने घंटों किया इंतजार

मनोज तिवारी के उसके जुहू स्थित फ़्लैट में होने की सुचना आजाद मैदान पुलिस को मिली। जब पुलिस की एक टीम सादे कपड़े में मनोज को पकड़ने गयी तो तिवारी की पत्नी उषा ने 7 पुलिसकर्मियों को 2 घंटे तक अपने बिल्डिंग सिल्वर बीच के नीचे इंतजार करवाया। आखिर किसी तरह से शाम के समय पुलिसकर्मी फ्लैट के अंदर दाखिल हो सके।

बाथरूम के वाशिंग मशीन में छुपा था मनोज

घर के अंदर जब पुलिस घुसी तो उषा तिवारी उन्हें घर की तलशी नहीं लेने दे रहे थी, जब पुलिस ने सर्च वारंट दिखाया तो वह शांत हो गयी। पुलिस ने बताया कि हमने घर का कोना कोना छान मारा लेकिन मनोज हमें कहीं नजर नहीं आया। पुलिस ने आगे बताया कि घर 12 वें माले पर स्थित था इसलिए भागने का भी कोई चांस नहीं था। जब एक पुलिसकर्मी ने बाथरूम में रखे 7 टन के वाशिंग मशीन पर टेक लगा कर खड़ा हो गया। पुलिसकर्मी ने ऐसे अनायस ही कपड़े को टटोला तो उसे काफी सख्त चीज महसूस हुई, जब कपड़ा हटाया गया तो उन्हें तिवारी उसी के अंदर छुपा हुआ मिला। मनोज वॉशिंग मशीन के अंदर खाली जगह में छिपा हुआ मिला। मनोज के ऊपर कपड़ों का ढेर लगा हुआ था ताकि वह आसानी से छुप जाएँ।

मनोज सहित पत्नी भी गिरफ्तार

पुलिस ने मनोज के अलावा उसकी पत्नी वंदना को भी पुलिस के काम में बाधा पहुंचाने और आरोपी पति की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया।

पति को गिरफ्तार करने गयी पुलिस के काम में बाधा पहुंचाने के लिए वकील उषा तिवारी के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।

सुनील घोसालकर, वरिष्ठ पोलिस निरीक्षक, जुहू पोलिस स्टेशन


पुणे में भी की है करोड़ो की ठगी

मनोज की गिरफ्तारी के बाद उसने पूछताछ में एक और ठगी का खुलासा किया है। तिवारी ने 2013 में पुणे में कई सरकारी कर्मचारियों को उनका प्रमोशन और पोस्टिंग करवाने का लालच दिया और उनके लाखो वसूले। पुलिस ने यह भी बताया कि तिवारी लाल बत्ती लगी गाड़ी में घूमता और अपनी ऊंची सेटिंग का झांसा देता। वह कई लोगों से प्रमोशन और मनपसंद पोस्टिंग के नाम पर लाखो रूपये वसूल चूका था।

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