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छठ पूजा दूसरा दिन: व्रतियों ने विधि विधान से किया खरना

कार्तिक शुक्ल पंचमी को यह खरना का व्रत रखा जाता है। फिर शाम के समय गुड़ की खीर और पूरी बना कर छठी मां को भाग लगाया जाताा है। व्रती बिना अन्न और जल के रह जाता है, शाम को वह प्रसाद ग्रहण करता है।

छठ पूजा दूसरा दिन: व्रतियों ने विधि विधान से किया खरना
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चार दिवसीय छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है। रविवार को जहां व्रतियों ने नहाय-खाय से पूजा अर्चना की शुरुआत की तो सोमवार को भी पूरे विधि विधान के साथ खरना भी किया। आपको बता दें कि सोमवार 12 नवंबर को खरना, 13 नवंबर को सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य और 14 नवंबर को प्रातःकालीन अर्घ्य दिया जाएगा। और इस अर्घ्य के साथ ही छठ पूजा समाप्‍त हो जाएगी। 

कार्तिक शुक्ल पंचमी को यह खरना का व्रत रखा जाता है। फिर शाम के समय गुड़ की खीर और पूरी बना कर छठी मां को भाग लगाया जाताा है। व्रती बिना अन्न और जल के रह जाता है। इसमें नमक और चीनी का प्रयोग वर्जित है। खरना के दिन जो प्रसाद बनता है उसे मिट्टी के चूल्‍हे पर बनाया जाता है। 

मुंबई के जुहू सहित कई स्थानों पर छठ पूजा का विशेष इंतजाम किए गए हैं। कांदिवली पूर्व में बड़े कृत्रिम तालाब का निर्माण किया गया है, जहां व्रती अर्घ्य दे सकते हैं। इसके साथ ही पवई, चेंबूर और मुलुंड  और बोरीवली के नेशनल पार्क में भी व्रतियों के अर्घ्य देने की व्यवस्था की गयी है।

मुंबई से सटे ठाणे के मीरा-भाईंदर की जैसल पार्क में और पालघर के नालासोपारा में स्थित अचोले तालाब में भी पूजा अर्चना की व्यवस्था की गयी है।

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