मुंबई में एक बार फिर से कोरोना (Corinavirus) का प्रकोप बढ़ गया है और इस साल कोरोना का प्रकोप सभी त्योहारों पर छा गया है। कोरोना का असर होली पर भी हुआ है। जो सिर्फ 4 दिन दूर है। नगर निगम (BMC) द्वारा होली मनाने पर प्रतिबंध लगाने से वही होली का समान बेचनेवाले वालों के लिए वित्तीय संकट(Financial crises) पैदा हो गया है। प्रशासनिक प्रतिबंधों के कारण, ग्राहक होली और रंगपंचमी से संबंधित छोटे और बड़े व्यवसायों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
कोरोना के प्रकोप के कारण, पूरे साल विभिन्न त्योहारों में बाढ़ आ गई है। शहर में कोरोनाडियंस की बढ़ती संख्या के कारण त्योहार पर प्रतिबंध लगाया गया है। होली और उसके बाद के धुलवाड़, रंगपंचमी कोई अपवाद नहीं हैं। कोरोना का पहला संक्रमित मरीज पिछले साल मार्च के अंत में पाया गया था। उस समय, नासिक निवासियों ने कोरोना के तत्वावधान में होली और रंगपंचमी का आनंद लिया। लेकिन, उसके बाद, कोरोना पीड़ितों की बढ़ती संख्या के कारण, यह उत्सव कोरोना के बैनर तले मनाया गया।
आदिवासी क्षेत्रों में होली का विशेष महत्व है। लेकिन, यह संदेह है कि क्या कोरोना के कारण शहर में फंसे नागरिक गांव लौट आएंगे। महीने से पहले भी ग्रामीण क्षेत्रों में होली की तैयारियों का कोई निशान नहीं है। हालांकि शहर का क्षेत्र पेंट, पेंट, पानी के फॉग की दुकानों के साथ आया है, फिर भी वे ग्राहकों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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