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कोरोना की वजह से अनाथ हुए छात्रों की 10वीं-12वीं की परीक्षा शुल्क माफ

अनाथ बच्चों को लेकर राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है

कोरोना की वजह से अनाथ हुए छात्रों की 10वीं-12वीं की परीक्षा शुल्क माफ
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साल 2020 में कोरोना(Coronavirus)  ने पूरे देश में कहर बरपा रखा था। लाखों लोग कोरोना से संक्रमित थे।  कई की मौत कोरोना से हुई।  कई बच्चे कोरोना से अनाथ हो गए।  इन अनाथ बच्चों को लेकर राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है।

कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खो चुके और 2022 में होने वाली दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में शामिल होने वाले नियमित छात्रों की पूरी परीक्षा शुल्क माफ करने का निर्णय लिया गया है।  यह जानकारी स्कूली शिक्षा मंत्री प्रो वर्षा गायकवाड़ ने दी।

कुछ छात्रों ने कोविड-19 वायरस के प्रकोप के कारण अपने जीवित माता-पिता या कानूनी अभिभावकों/दत्तक माता-पिता को खो दिया है।  वित्तीय बाधाओं के कारण, ऐसे छात्रों को माध्यमिक विद्यालयों में प्रमाणपत्र परीक्षा (दसवीं कक्षा), उच्चतर माध्यमिक प्रमाणपत्र परीक्षा (बारहवीं कक्षा) की फीस का भुगतान करने में कठिनाई हो सकती है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPR) ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में कोरोना के कार्यकाल में अनाथ बच्चों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2020 से अब तक देश में कुल 1742 बच्चे अनाथ हो चुके हैं।

एनसीपीसीआर के मुताबिक कोरोना काल में देश में करीब 7464 बच्चों ने अपने माता-पिता में से एक को खो दिया है।  

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