शिक्षा विभाग ने स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में कृषि को शामिल करने संबंधी प्रारंभिक रिपोर्ट आज स्वीकार कर ली। कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने बताया कि विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाएगी और पाठ्यक्रम तय किया जाएगा।
इस संबंध मे रिपोर्ट दें मंत्री सत्तार ने स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर को सौंपा। कृषि केंद्रित सामग्री से कृषि के अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर मंत्री अब्दुल सत्तार का मानना है कि छात्रों का कृषि के प्रति आकर्षण बढ़ेगा और कृषि एवं कृषि व्यवसाय के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता पैदा होगी।
इस मौके पर मंत्री सत्तार ने कहा कि अगर स्कूली बच्चों को बचपन से ही कृषि के बारे में ज्ञान हो जाए तो निश्चित रूप से उन्हें बाद के जीवन में इसके महत्व को समझने में मदद मिलेगी। कृषि शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना तैयार करते समय पाठ्यक्रम को कक्षा I से V, VI से VIII और IX से X के अनुसार रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग की भूमिका कृषि प्रशिक्षण के लिए सभी आवश्यक सामग्री और सहायता प्रदान करना है।
सत्तार ने व्यक्त किया की स्कूली पाठ्यक्रम में अन्य सभी विषयों के सहसम्बन्ध से कृषि के महत्व, क्रियान्वयन, व्यवसाय के अवसर, कृषि जागरूकता जैसे अनेक पहलुओं पर ध्यान देकर विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव होगा।