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88 प्रतिशत छात्र नही चाहते की परीक्षा हो

महाराष्ट्र में अंतिम वर्ष के अंतिम सेमेस्टर के परीक्षाओ के बारे में फैसला लेना अभी बाकी है

88 प्रतिशत छात्र नही चाहते की परीक्षा हो
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महाराष्ट्र छात्र संघ (MASU) छात्र संगठन द्वारा किए गए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य के 32,378 अंतिम वर्ष के छात्रों में से 88.2 प्रतिशत अंतिम सेमेस्टर परीक्षा को रद्द करना चाहते हैं।  26 मई को, मुंबई विश्वविद्यालय (एमयू) के कुलपति (वीसी) सुहास पेडनेकर ने एमएएसयू से संपर्क किया, यह समझने के लिए कि छात्र अंतिम परीक्षा के बारे में क्या सोचते हैं क्योंकि राज्य सरकार को  परीक्षा के बारे में अंतिम निर्णय लेना है।


महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों, जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों से 75,000 अंतिम वर्ष के छात्रों ने अंतिम वर्ष की परीक्षा को रद्द करने के लिए एक ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।  सर्वेक्षण में जवाब देने वाले 32,378 छात्रों में से 93.1 प्रतिशत को डर है कि वे परीक्षा के लिए उपस्थित होने के दौरान कोरोनावायरस से संक्रमित होने के जोखिम में होंगे।  इसमें से 80.1 फीसदी छात्र रेड जोन क्षेत्रों में रहते हैं जहां कोरोनोवायरस के मामलों की संख्या अधिक है।


यह सर्वेक्षण मुंबई यूनिवर्सिटी को दिया जाए सके ताकि वह समझ सके कि छात्र क्या चाहते है। जिससे इस बारे में आसानी हो सके कि परीक्षा को आयोजित करना है या नही। आपको बता दें कि अंतिम वर्ष के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा को आयोजित करने को लेकर फिलहाल राज्य सरकार और गवर्नर के बीच तनातनी दिख रही है।  जहां राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री उदय सावंत ने कहा है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर परीक्षाओं को आयोजित करना मुश्किल होगा तो वही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य सरकार से कहा है कि वह अंतिम वर्ष के अंतिम परीक्षाओं का आयोजन समय से करें जिससे छात्रों के भविष्य को कोई नुकसान ना हो।


राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सावंत ने कहा है कि जल्द ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री योजना ठाकरे के साथ मिलकर इस बारे में उचित फैसला लिया जाएगा और जो भी फैसला लिया जाएगा वह छात्रों को मद्देनजर रखकर ही लिया जाएगा


 

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