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काॅर्पोरेट स्कूल से सुधरेगा शिक्षा का स्तर - शिक्षा मंत्री

ये कंपनियां 'न फायदा न नुकसान' की तर्ज पर स्कूल खोलेंगी इससे छात्रों को काफी फायदा होगा।

काॅर्पोरेट स्कूल से सुधरेगा शिक्षा का स्तर - शिक्षा मंत्री
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कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा स्कूल खोले जाने को सही करार देते हुए शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि कॉर्पोरेट कंपनियों के स्कूल खोले जाने से सरकारी स्कूल बंद होने, गरीब और वंचित तबका शिक्षा से मरहूम होने, उपेक्षित लोगों के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने जैसी सारी बात मात्र अफवाह है, ऐसा कुछ भी नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि ये कंपनियां 'न फायदा न नुकसान' की तर्ज पर स्कूल खोलेंगी इससे छात्रों को काफी फायदा होगा।

कॉर्पोरेट कंपनियों के स्कूल से किसी को कुछ भी खतरा नहीं

तावड़े ने कहा कि अनेक कंपनियां सामाजिक उत्तरदायित्व को समझते हुए अपनी कमाई का कुछ हिस्सा (सीएसआर) समाज के पीछे खर्च करती हैं। उन्होंने आगे कहा कि कई कंपनियां ऐसी भी होती हैं कि वे ट्रस्ट को खोल कर उनके माध्यम से पैसा खर्च करने की बजाय सीधे स्कूल खोल कर ही उनमें पैसा खर्च करना चाहती हैं। तावड़े ने कहा कि यह एक यह समाज के प्रति सकारात्मक कदम है इसीलिए इसे मंजूरी दीगयी है। उन्होंने कहा अंबानी, अडानी, टाटा जैसे लोग अगर स्कूल खोलते हैं तो उससे किसी को भी कुछ भी नुकसान नहीं होगा।


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कंपनियों के स्कूल बंद होने पर सरकार की जिम्मेदारी

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन स्कूलों पर भी वही नियम लागू होते हैं जो कि आम स्कूलों पर। फीस, प्रवेश और स्लेबस यह स्कूल तय करता है। साथ ही RTE के अंतर्गत ऐसे स्कूलों में भी 25 फीसदी सीट गरीब लोगों के लिए आरक्षित होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूल मात्र अंग्रेजी माध्यम में ही नहीं बल्कि मराठी भाषा में भी शुरू किये जाएंगे। तावड़े ने आश्वासन दिया कि अगर कॉर्पोरेट कंपनियों के स्कूल बंद पड़ते हैं तो स्कूलों को सरकार चलाएगी या फिर उसने दूसरे स्कूलों में हस्तांतरित कर दिया जाएगा।


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6500 स्व-वित्तपोषित विद्यालय को शिक्षा विभाग की मंजूरी

तावड़े ने बताया कि पिछले तीन सालों में 6500 स्व-वित्तपोषित विद्यालय को शिक्षा विभाग ने मंजूरी दी है, इन स्कूलों में अच्छी तरह से पढ़ाई हो रही है। तावड़े ने कहा कि इसी तरह से कंपनियों के स्कूलों का भी ध्यान रखा जायेगा, उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे स्कूलों के खुलने के साथ साथ परिषद स्कूलों को भी कंपनियां अपने अंतर्गत लाएंगी और उनकी शिक्षा का स्तर भी सुधरेगा।

आपको बता दें कि बीजेपी सरकार के उस विधेयक का काफी विरोध हो रहा है जिसमें उन्होंने कॉर्पोरेट कंपनियों को भी स्कूल खोलने की मंजूरी दी है, उसके अनुसार अगर कंपनियां स्कूल खोलती हैं तो इससे सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे।



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