राज्य में स्कूली छात्रों (Kerala pattern) के लिए अब तीसरी से आठवीं तक के छात्रों के लिए परीक्षा का केरल पैटर्न आयोजित किया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने इस संबंध में जानकारी दी है।
वर्तमान में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षा में भेज दिया जाता है। लेकिन इससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिसपर काफई लोगो का कहना है की छात्रों में यह मानसिकता बना दी गई है कि फेल नहीं होंगे, पढ़ेंगे ही क्यों।
पढ़ाई-लिखाई में अधिक रुचि नहीं रहने से शिक्षा व्यवस्था में रणनीतिक बदलाव होगा। इसके अनुसार राज्य में शिक्षा का 'केरल पैटर्न' लागू किया जाएगा।
आठवीं कक्षा तक कोई भी छात्र नही होगा फेल
पहली और दूसरी के छात्र छोटे हैं। इसलिए, उन्हें बिना परीक्षा दिए तीसरी और बाद की कक्षाओं के लिए आयोजित किया जाएगा। केसरकर ने यह भी कहा कि हालांकि परीक्षाएं कराई जाएंगी लेकिन आठवीं कक्षा तक किसी भी छात्र को अनुत्तीर्ण नहीं किया जाएगा।
तीसरी कक्षा से फिर से वार्षिक अभ्यास परीक्षा आयोजित की जाएगी। यदि आप अभ्यास परीक्षा में असफल होते हैं या कम अंक प्राप्त करते हैं, तो पुन: परीक्षा आयोजित की जाएगी
अगले साल से लागू होंगे फैसले
इस फैसले पर अमल अगले साल से शुरू हो जाएगा। उसके बाद अगले साल की परीक्षाएं चरणबद्ध तरीके से कराई जाएंगी और हर 10 साल में पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा।
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