सरकार ने मुंबई के साथ साथ अन्य जगहों के 100 कॉलेजो में भगवत गीता बांटने के फैसले को वापस ले लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध किया था जिसके बाद सरकार को अपना ये फैसला वापस लेना पड़ा। हालांकी अधिकारिक तौर पर अभी तक सरकार की ओर से इस ओर कोई भी बयान नहीं आया है।
Good that Govt of Maharashtra has withdrawn its proposal to distribute #BhagwatGita among college students after the protest from opp MLAs in Nagpur and #NSUI workers in Mumbai.I hv respect for #Bhagwatgeeta but can't approve a secular admin promoting a particular religious book.
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) July 13, 2018
विपक्ष ने किया सरकार पर हमला
इस सर्कुलर के विरोध में महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि राज्य सरकार केवल गीता की क्यों बंटवा रही हैं, कुरान और बाइबल भी बंटवा दे।'आजमी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार द्वारा धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहती हैं।
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क्या था मामला
उच्च शिक्षा निदेशालय ने NAC की ए / ए + श्रेणी में 100 कॉलेजों में भगवत गीता को वितरित करने का निर्णय लिया है। मुंबई क्षेत्र के उच्च शिक्षा निदेशक ने इस सेट को पाने के लिए शहर के सभी गैर-सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों को निर्देश दिया है।