हाल ही में दिल्ली में एक बच्चे की स्कूल में ही मर्डर कर दिया गया और वाराणसी में BHU में एक छात्रा से छेड़छाड़ के बाद मचे बवाल के बाद अब महाराष्ट्र सरकार भी सचेत हो गयी है। स्कूल और कॉलेजों में छात्राओं के सुरक्षा की इंतजाम के मद्देनजर चिंतित सरकार ने राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों से छात्राओं की सुरक्षा के बाबत क्या उपाय किये गये हैं, इस संदर्भ में एक प्रस्ताव पेश करने को कहा गया है। उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री रविंद्र वायकर की तरफ से भेजे गये पत्र में उच्च और तकनीकी शिक्षा के अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा गया है कि यह प्रस्ताव एक महिना के अंदर पेश किये जाएं।
सुरक्षा नियमों में ढील
पिछले कुछ सालों में शिक्षण संस्थानों में रैंगिंग, लैंगिक शोषण, मारपीट, हत्या जैसी घटनाओं में वृद्धि हुई है। साथ ही कुछ संस्थानों के कैंटीन, छात्रावास, कैम्पस, लाइब्रेरी जैसे अनेक ऐसे स्थान हैं जहां इन छात्राओं के लिए पर्याप्त सुरक्षा के उपाय नहीं किये गये हैं, जबकि छात्राओं के सुरक्षा की जिम्मेदारी इन्ही शिक्षण संस्थानों की है।
किये जाए पुख्ता इंतजाम
इस पत्र में सुझाया गया है कि शिक्षण संस्थानों में अब सीसीटीवी लगाये जाएं साथ ही सभी छात्रो का पहचान पत्र भी अनिवार्य किया जाए। यही नहीं शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा रक्षकों की भी नियुक्ति की जाए।
राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा के इंतजाम करने और उसकी रिपोर्ट एक महिना के अंदर पेश करने का आदेश वायकर ने मुख्य सचिव को दिया है।
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